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जमीन पर अपने अधिकार की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे भूमिहीन आदिवासी

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Oct 4, 2018

धर्मेन्द्र शर्मा : ग्वालियर से जल जंगल और जमीन पर अपने अधिकार की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे भूमिहीन आदिवासी एकता परिषद के बैनर के तले आज दिल्ली के लिए कूच कर गए हैं 3 दिन से ग्वालियर व्यापार मेला परिसर में डेरा डाले पड़े देश के 22 राज्यों से आए 25 हजार सत्याग्रही को एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीवी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा भी सत्याग्रही के समर्थन में इनके बीच पहुंचे थे।

हाथों में अपनी मांगों के बैनर तखतियो के साथ वाद्य यंत्रों पर लोक संस्कृति के गीतों में मस्त महिला-पुरुष कतार बंद तरीके से पदयात्रा करते हुए दिल्ली की ओर रवाना हुए हैं इनकी मांगो पर वार्ता करने 3 अक्टूबर बुधवार को सीएम शिवराज सिंह भी पहुचे थे। कुछ मुददो पर सहमती भी बनी लेकिन कुछ बातो पर सहमती नही बन पाने के चलते इस पदयात्रा को रोका नही जा सका। एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीवी ने संकेत दिये है,कि सीएम और केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से बातचीत की गई है।

दो या तीन दिन मे बाकी के मुदो पर सहमती बनने के आसार है यात्रा 6 अक्टूबर को मुरैना पहुंचेंगी। जहां पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी,कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे  बड़े नेताओ की मुरैना की सभा में पहुंचने की संभावना है। वही इन सत्याग्रहियो की मांगो के समर्थन मे पूर्व विदेश मंत्री यशंवत सिंन्हा भी शामिल हुये है। उनका कहना है कि वे इनकी लडाई लडने आये है और इन भूमिहीन आदिवासियो को इनका हक मिलना चाहिये। इससे पहले भी 2007 और 2012 में भी इन्हीं मांगों को लेकर एक लाख भूमिहीन आदिवासियों ने दिल्ली के लिए कुच किया था लेकिन आगरा पर ही बातचीत के बाद इसे समाप्त कर दिया गया था जिसके बाद अब एक बार फिर से सत्याग्रही अपनी मांगो को लेकर दिल्ली में पहुंचेंगे।

प्रमुख मांगे
1- राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार कानून की घोषणा व क्रियान्यवन।

2- महिला कृषक हकदारी कानून की घोषणा व एवं क्रियान्वयन।

3- भारत सरकार द्वारा पूर्व में गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और राष्ट्रीय भूमि सुधार कार्यबल को सक्रिय करना।

4- वनाधिकार कानून 2006 और विस्तार उपबंध अधिनियम 1996 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर निगरानी तंत्र की स्थापना।

5 भूमि संबंधी विवादों के शीघ्र समाधान के लिए त्वरित न्यायालयों का संचालन।