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20 लाख EVM गायब होने के मामले में हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, अब याचिकाकर्ता को पूरी पिटीसन चुनाव आयोग के सामने करना होगा पेश

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May 30, 2019

विनोद शर्मा : 20 लाख EVM गायब होने के मामले में अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने अपना फैसला सुना दिया है। बेंच ने इस मामले में याचिकाकर्ता को कहा है कि वह इस पूरी पिटीसन को चुनाव आयोग के समाने तथ्यों के साथ पेश करें। वहीं इस मामले पर दिशा निर्देश जारी करेगा। दरअसल हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में ईवीएम के गायब होने के मामले में एक जनहित पेश की गयी थी। जिस पर कोर्ट ने अपना आदेश 2 दिन पहले रिजर्व कर लिया था। 

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दिया आदेश
लेकिन अब कोर्ट ने याचिकाकर्ता को आदेश दिया है। दरअसल याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में 22 मई को एक जनहित याचिका सीनियर एडवोकेट उमेश बोहरे ने कई आहम दस्तावेजों के साथ जनहित पेश की थी जिसमें उमेश बोहरे ने मुख्य चुनाव आयुक्त सहित 14 लोगों को बनाया पार्टी था। जिसमें निर्वाचन आधिकारी, कलेक्टर ग्वालियर, कलेक्टर मुरैना, कलेक्टर भिंड, कलेक्टर गुना को भी बनाया पार्टी था। याचिका में कहा गया था कि गायब हुई ईवीएम का उपयोग देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ- साथ ग्वालियर चंबल संभाग में लोकसभा चुनाव में किया गया है। इसलिए गायब ईवीएम मशीनों के मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ फौजदारी यानि की आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएं। साथ ही ईवीएम की राशि वसूली जाएं और पूरे घटनाक्रम की जांच सीबीआई से कराई जाएं। 

बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर 
आपको बता दें कि मुंबई के आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने 27 मार्च 2018 को बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने ईवीएम की खरीद, स्टोरेज और डिलीवरी में शामिल प्रक्रियाओं के बारे में जानना चाहा था। इसके लिए हाई कोर्ट से मांग की गई थी कि डाटा उपलब्ध कराने के लिए वह संबंधित संस्थाओं को आदेश दे। इसी क्रम में मिले डाटा में यह जानकारी सामने आई है कि ईवीएम निर्माताओं ने जो मशीनें चुनाव आयोग को भेजने के लिए तैयार कीं, उनमें से 20 लाख ईवीएम चुनाव आयोग के कब्जे में नहीं पहुंची हैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।