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बालाघाटः गांव को नशामुक्त और अपराध मुक्त बनाने के लिए महिलाओं ने कसी कमर

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May 30, 2019

राज बिसेन - बिरसा जनपद का एक छोटा सा गांव मुड़घुसरी जहां की महिलाओं ने गांव को नशा एवं अपराध मुक्त बनाने के लिए कमर कस ली है। पिछले लगभग एक महीने से चल रहा ये अभियान सफल होता नजर आ रहा है। महिलाओं ने इसे महिला कमांडो नाम दिया है। यहां महिलाओं का दल सुबह शाम हाथ में डंडे लेकर चलता है। इस गांव में शराब का कोई सरकारी ठेका तो नहीं है परन्तु गांव के ही कुछ लोग चोरी छुपे कच्ची शराब बनाने और बेचने का काम करते हैं। इसके अलावा यहां नजदीक के शराब ठेकों से लाकर अवैध रूप से शराब बेची भी जाती है। शराब पीने से होने वाले नुकसान से सभी परिचित हैं कि इससे लड़ाई-झगड़ा, घर में क्लेश और तनाव का वातावरण निर्मित होता है।

महिला कमांडो ने ठान ली शराब जैसी सामाजिक बुराई को पूरी तरह खत्म करने की

शराबियों की प्रताड़ना का सबसे अधिक शिकार घर की महिलाएं होती हैं। इसका असर भावी पीढ़ी पर भी पड़ता है। शराब को अपराध की जननी भी कहा जाता है। ग्राम मुंडघुसरी ग्राम पंचायत बिठली के अंतर्गत आता है जिसकी जनसंख्या 900 के करीब है। यहां के कुछ ग्रामीण भी महिला कमांडो के प्रयास की तारीफ और समर्थन करते हैं। ग्राम सरपंच रूपलाल सैयाम, ग्रामीण अजय राणा और योगेश राहंगडाले नशामुक्ति अभियान के समर्थक हैं जो चाहते हैं कि उनका गांव इस कुरीति से मुक्त हो। शराबियों के घरों में आये दिन होने वाले उत्पात से निजात दिलाने महिला कमांडो की सदस्य बताती हैं कि कैसे शराब से घरों की बर्बादी हो रही है, आये दिन झगड़े, तोड़फोड़। बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। शराब पीने के बाद जुए की फड़ जमती है। शराब एक सामाजिक बुराई है जिसे पूरी तरह खत्म करने की इन्होंने ठान ली है।