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नदी में पुलिया निर्माण न होने से 600 परिवारों की हो रही फजीहत, वर्षों बीत गए पर अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान

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Jul 8, 2019

राजू पटेल : महेश्वर तहसील मुख्यालय से 22 किमी दूर डूब प्रभावित ग्राम पथराड़(खुर्द) के लगभग छह सौ परिवार के ग्रामीण इन दिनों काफी फजीहत झेल रहे है,नदी में बरसात का पानी आने से बच्चो सहित ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर नदी पार करना पड़ता है। क्योंकि यहां के ग्रामीणों को अन्य गांवों में जाने के लिए नदी पार करना पड़ती है जो एक मुख्य रास्ता है परंतु नदी में पुलिया का निर्माण नही होने से ग्रामीणों को बरसात के मौसम में इस जोखिम भरी राह से गुजरना पड़ता है।

जनप्रतिनिधियों का इस ओर नहीं है ध्यान
गांव का मुख्य मार्ग नहीं होने व विकास कार्य नही होने से गाँव के युवाओं की शादी भी नही हो पा रही है। आज भी गांव में ऐसे तीन दर्जन युवा है जिनके रिश्ते नहीं हो पा रहे है,जब भी कोई जन प्रतिनिधि गाँव आता है तो यहाँ के ग्रामीणों की बस एक ही गुहार रहती है कि हमारा विस्थापन करवा दो या फिर नदी में पुलिया निर्माण हो जाये। वर्षों बीत गए लेकिन जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधियों का इस कोई ध्यान नही है।

ग्रामीणों का क्या है कहना?
पथराड खुर्द के ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गाँव के बच्चे प्राथमिक पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई के लिए प्रतिदिन सौ से ज्यादा बच्चे पानी से भरी नदी पार करते है,नदी में किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बरसात के मौसम में यदि गाव में कोई बीमार हो जाये या किसी महिला की प्रसूति हो तो उसे भी खटिया पर सुलाकर नदी पार करना पड़ती है। यह गाँव डूब प्रभावित गाँव है यहाँ डूब प्रभावितों को राहत राशि तो मिली है लेकिन विस्थापन के लिए अब तक जगह नही मिलने से आज भी ग्रामीण उसी गाँव मे रहने को मजबूर है। ग्रामीण डूब क्षेत्र होने से वर्ष 2002 से विकास कार्य भी नही हुए है आज भी ग्रामीण गन्दगी में रहने को मजबूर है,शासन द्वारा न तो प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिला और न ही शौचालय का जिससे 75 फीसदी ग्रामीण आज भी खुले में शौच करने जा रहे है,आज भी गाव में ऐसे 183 वे परिवार है जो वर्षो से अपने स्थानों में रह रहे है, उनका कोई भी मालिकाना हक नही होने के कारण डूब प्रभावितों में नही लिया जा रहा है जिससे उन्हें कोई भी राहत राशि नही मिली,ग्रामीणों की मांग है कि पुनर्वास ओर डूब प्रभावित राशि मुहैया कराई जाए नही तो जीवन यापन कैसे करेंगे।