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ग्वालियरः जिले की आधी आबादी एनीमिया की शिकार, आंकड़ों ने स्वास्थ्य महकमा और महिला बाल विकास विभाग के उड़ाये होश

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Sep 11, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा - मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले की आधी आबादी रक्त की कमी से जूझ रही है। यह हाल तब है जब सरकार शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों के स्वास्थ्य सुधार के लिए कई पोषण योजनाएं चला रही है। इन सबके बाद भी जिले का हर दूसरा व्यक्ति खून की कमी का शिकार है। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे और गर्भवती महिलाएं प्रभावित हो रही है। दरअसल हाल ही में आए आंकड़ों ने स्वास्थ्य महकमा और महिला बाल विकास विभाग के होश उड़ा दिए हैं। आंकड़ों में जिले की आधी आबादी में रक्त की कमी है। अगर हम बात करें जिले के बच्चों की तो करीब 50% बच्चे और 53 फ़ीसदी महिलाएं रक्त की कमी से जूझ रहे हैं। कमोवेश यही स्थिति पुरुषों के मामले में भी है। लगभग 45 फ़ीसदी पुरुषों में रक्त की कमी पाई गई है।

अधिकारियों ने बताया गलत खानपान है एनीमिया का मुख्य कारण

एनीमिया की भयानक स्थिति देखकर आप ही अंदाजा लगा सकते हैं कि तमाम प्रयासों के बावजूद भी इन रोगों से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। हालांकि महिलाओं में यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब वे गर्भवती होती हैं। महिला बाल विकास के अफसर बताते हैं कि वर्तमान का खानपान महिलाओं, बच्चों और पुरुषों में रक्त की कमी को बढ़ा रहा है। गर्भवती महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जरा भी लापरवाह हो, तो इसके परिणाम भयंकर हो सकते हैं। सरकारी स्तर पर कई इलाकों में एनीमिक बच्चों और महिलाओं की पहचान कर उन्हें विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं जरूर दी गई है लेकिन आबादी के हिसाब से अभी यह आंकड़ा कम करने में स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास को काफी पसीना बहाना पड़ेगा हालांकि महिला बाल विकास  विभाग ने लोगों से स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने और नियमित जांच कराने की अपील की है।