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आठनेरः ढोल बाजों के साथ में हुआ भुजरिया विसर्जन, भुजरिया पर्व पर नगर में निकला जुलूस

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Aug 16, 2019

विजय प्रजापति- आपसी प्रेम और सद्भावना का पर्व भुजरिया शुक्रवार को नगर में धूमधाम से मनाया गया। जिसमें नगर के बाजार चौक से ताप्ती झिरा स्थित भुजरिया घाट तक ढोल बाजों के साथ बड़े उत्साह और उमंग पूर्वक नगरवासियों ने एवं महिलाओं ने भुजरिया का पूजन कर भुजरिया विसर्जन किया।

इसीलिए लिए मनाया जाता है यह पर्व

परंपरा अनुसार रक्षाबंधन के अगले दिन यह पर्व मनाया जाता है। इसी तरह शुक्रवार को घर में सुख समृद्धि की कामना के साथ भूजरिया की पूजा-अर्चना की जाती है और परिक्रमा लगाई जाती है। मान्यता है कि नागपंचमी के पूजन के बाद गेहूं के दानों को छोटे-छोटे पात्रों में बोया जाता है जो कि सात आठ दिनों में भुजरिया के रूप में परिवर्तित हो जाती है। जैसे रक्षाबंधन के दूसरे दिन घर में सुख शांति और समृद्धि के साथ किसान अच्छी वर्षा एवं फसल की अच्छे होने की मनोकामना के साथ इसकी पूजा करते हैं। साथ ही इसे बड़े बुजुर्गों, सगे संबंधियों एवं आस पड़ोसियों के साथ मित्र बंधुओं द्वारा एक दूसरे को देकर आशीर्वाद एवं स्नेह को  प्राप्त करने का पर्व मानते है ।

नगर में ढोल बाजों के साथ निकला महिलाओं का जुलूस

नगर में दोपहर बाद शोभायात्रा के रूप में महिलाओं और बड़ी संख्या में सभी वर्गों ने इस भुजरिया पर्व पर एकता के रूप में नगर की सुख समृद्धि और परिवार में सुख शांति के लिए सामूहिक रूप से महिलाओं द्वारा अपने सिर पर भुजरिया रखकर गीत संगीत के साथ नगर के बाहर स्थित ताप्ती झिरा भुजरिया घाट पर भुजरिया का विसर्जन किया गया।