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रिश्वतखोर ई ई लोकायुक्त गिरफ्तार, 3 लाख की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने किया गिरफ्तार   

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Aug 2, 2018

बताया जाता है कि आर ई इस विभाग से जे पी इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म ने निविदा द्वारा शासकीय निर्माण कार्यो का ठेका लिया था जिसके एवज में 12 लाख रुपये की सिक्योरिटी मनी विभाग में जमा कराया था उसके बाद निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद पेमेंट के लिए जब विभाग के पास बिल लगाया तो विभाग के ई ई वीरेंद्र सिंह वर्मा ने एफ डी आर के 12 लाख ओर निर्माण कार्य के लगभग 20 लाख रुपये बिल निकालने के एवज में 8 लाख रुपये की मांग किया जिससे परेसान होकर जे पी इंफ्रास्ट्रक्चर के शुभय वैद्य ने लोकायुक्त पुलिस जबलपुर में इसकी शिकायत कर दी आज जैसे ही रिश्वत की पहली किश्त 3 लाख रुपये बंगले पर ई ई द्वारा लिया जा रहा था वेसे ही लोकायुक्त पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।

रिश्वत की रकम के साथ पकड़े गये लोकायुक्त

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में एक ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के एक एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को लोकायुक्त ने रिश्वत की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार किया है जेपी कंपनी के सुपरवाइजर उमाशंकर पटेल से इंजीनियर वीरेंद्र सिंह वर्मा ने 8 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी रिश्वत देने के बाद 12 लाख की सिक्युरिटी व 10 लाख का बिल पास किया जाना था  जिसकी प्रथम किश्त के रूप में आज 3 लाख रुपए देने थे जिसको रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया है इस दौरान लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें रिश्वत की रकम के साथ पकड़ा।

8 लाख रुपए की मांगी गई थी रकम

शिकायतकर्ता उमाशंकर पटले सुपरवाइज का कहना है कि ईई विजय वर्मा उन्हे धमकी देते थे कि यदि रिश्वत की रकम नहीं दी तो वो कंपनी को बर्बाद कर देंगे शिकायतकर्ता जेपी इंन्फ्रास्ट्रक्चर के सुपरवाइजर उमाशंकर पटेल ने बताया कि इंजीनियर वीरेंद्र वर्मा द्वारा 8 लाख रुपए की मांग की गई थी जिसकी प्रथम किश्त के रूप में आज 2-2 हजार के 3 लाख रुपए देने पहुंचे थे इस दौरान शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें रिश्वत की रकम के साथ पकड़ा जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि एक्जीक्यूटिव इंजीनियर वीरेन्द्र सिंह वर्मा लगभग 3 साल से ज्यादा समय से बालाघाट में पदस्थ हैं कुछ दिनों पहले उनका तबादला दूसरे जिले में कर दिया गया था इसके बावजूद वह सांठगांठ करके फिर से आ गए रिश्वत को लेकर इंजीनियर द्वारा जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर वालों को परेशान किया जा रहा था।

भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला कायम

जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर के संचालक सुभम वैद्य ने सुपरवाइजर उमाशंकर पटले के माध्यम से लोकायुक्त पुलिस में इसकी शिकायत की जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने प्लान बनाकर इंजीनियर को जाल में फंसा लिया उमाशंकर पटेल को उसके शासकीय बंगले रिश्वत की 3 लाख रूपये की रकम भेजी जैसे ही इंजीनियर ने रकम ली लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए 2-2 हजार रुपए के नोट में 3 लाख की रिश्वत लेते हुए एक्जीक्यूटिव इंजीनियर वीरेन्द्र सिंह वर्मा को गिरफ्तार किया जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला कायम किया जाकर जांच में लिया गया है।