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इंदौरः बिल्डरों से तंग, 11 माह से न्याय के लिए भटक रहे बुजुर्ग ने मांगी इच्छा मृत्यु

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Jun 5, 2019

विकास सिंह सोलंकी- बिल्डरों से तंग आकर चाय वाले ने महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मांगी इच्छा मृत्यु। चाय वाले ने बिल्डर भाइयों पर फर्जी सीसी लोन करने का लगाया आरोप। 11 माह से न्याय के लिए भटक रहा है बुजुर्ग।

प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में इन दिनों फर्जी लोन की शिकायत दिनों दिन बढ़ती नजर आ रही है लेकिन जिम्मेदार इस और ध्यान नहीं दे रहे है। इंदौर के जूनि इंदौर थाना क्षेत्र में चाय की गुमटी लगाने वाले कैलाश बड़ोनिया ने दो बिल्डर भाइयों और उसके पिता पर उसके नाम से फर्जी लोन कराने का आरोप लगाया है। चाय वाले ने बताया कि उसे ग्यारह माह से वह अधिकारियों के चक्कर काट रहा है लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है। थक हार कर उसने महामहिम राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को खत लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है।

बैंक के कागजात पर धोके से पीड़ित के हस्ताक्षर करवा कर ले लिया लोन

पीड़ित कैलाश बड़ोनिया ने बताया कि उसकी चाय की घूमटी पर गुरुवीर सिंह, उसके बिल्डर बेटे गुरुदीप सिंह चावला, रणवीर सिंह चावला चाय पीने आते थे। उसके पिता ने उसे बताया था कि उसके दोनों बेटों की बैंक मैनेजर से अच्छी बात है। अगर लोन की जरूरत हो तो बताना इसी को लेकर पीड़ित कैलाश बडोनियों ने ढाई वर्ष पूर्व गुरुवीर सिंह को 20 हजार रूपये का लोन बैंक से करवाने को कहा। गुरुवीर सिंह पीड़ित कैलाश बड़ोनिया को कुछ दिनों बाद छावनी स्थित आंध्रा बैंक ले गया। जहां पहले से गुरुवीर सिंह के बेटे गुरुदीप चावला और रणवीर चावला मौजूद थे। वह कैलाश को मैनेजर के पास ले गए और वहां पर उससे कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए और बोले कि तुम्हारा लोन जब होगा तुम्हें बता देंगे।

बैंक से नोटिस आने के बाद अपने साथ हुये धोखे का पता चला

कैलाश की मानें तो कुछ दिनों बाद रणवीर सिंह चावला उसकी चाय की गुमटी पर आया और उसे सपना संगीता स्थित विजय बैंक ले गया। उससे विजय बैंक में कई कागजों पर हस्ताक्षर करवाए और उसे कहा गया कि तुम्हारा लोन हो जाएगा तो तुम्हें बता देंगे। एक महीना बीत जाने के बाद भी जब उसका लोन नहीं हुआ तो कैलाश ने गुरुवीर से पूछा कि मेरे लोन का क्या हुवा तो गुरुवीर ने उसे उसका लोन नहीं होने की बात कही। कैलाश ने बताया की उसे दो वर्ष बाद आंध्रा बैंक का नोटिस आया तो उसे पता चला कि उसके नाम पर 10 लाख रु का सीसी क्रेडिट लोन हुआ है और कुछ किस्तें भी भरी गई हैं जिसको लेकर उसने थाने में आवेदन दिया। वहीं कुछ दिनों के बाद उसे सपना संगीता स्थित विजय बैंक से भी एक नोटिस मिला। जिसमे उसका नाम चार पहिया वाहन के फायनेंस में ग्रांटर बनाया गया था। कैलाश की माने तो वह पिछले एक साल से पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहा है लेकिन दोनों बिल्डर भाई और उसके पिता पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

अनपढ़ होने का फायदा उठा कर बाप-बेटे ने ठग लिया

कैलाश बड़ोनिया ने बताया कि वह पढ़ा-लिखा नहीं है, सिर्फ नाम लिखना जानता है। इसी का फायदा उठाकर पिता और बेटों ने उसके साथ ठगी की है। वह अधिकारियों के चक्कर काट कर परेशान हो गया है। इसलिए महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री कमलनाथ से इंसाफ की मांग की है। वहीं कैलाश ने बताया कि अगर उसे जल्द इन्साफ नहीं मिलेगा तो वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर विवश हो जायेगा। उसने बताया कि मैं दो-तीन सौ रुपये रोजाना कमाकर अपने परिजनों को पालता हूं। दस लाख रुपये जब मैंने लिए ही नहीं तो मैं कैसे भरूँ।

गौरतलब है कि बैंक से लोन लेने में अच्छे-अच्छे व्यापारियों को पसीना आ जाता है लेकिन कुछ लोग बैंक मैनेजर से सेटिंग कर गरीबों के साथ छलावा करते हैं। एक चाय की गुमटी चलाने वाले के नाम पर दस लाख रुपये का सीसी लिमिट लोन कई सवाल खड़े करता है। वहीं एक वर्ष तक पीड़ित कैलाश की शिकायत को अनसुना किया जाना, अधिकारियों पर प्रश्न खड़े करता है।