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टिन-टप्पर में बनी जुगाड़ की स्कूल में बच्चे पड़ने को मजबूर, गुहार के बाद भी नही बदले हालात

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Sep 27, 2018

सचिन राठौड़ - बड़वानी जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर ग्राम भवती की यंहा करीब 21 बच्चे पहली से लेकर पांचवी तक अपना भविष्य बनाने आते है लेकिन पड़ने के लिए सिर पर  छत नही है स्कूल भवन की मांग प्रशासन से लेकर स्थानीय विधायक तक कर चुके है लेकिन सुनने वाला कोई नही आखिर एक ग्रामीण ने बच्चों की तकलीफ देखकर अपनी ज़मीन दे दी और टिन टप्पर लगाकर उसी जगह बच्चो को शिक्षिका पड़ा रही है बच्चें कहते है पढ़ाई जरूरी है इसलिए टिन टप्पर की स्कूल में पड़ने को मजबूर है। क्यो के मांग तो की जाती लेकिन ध्यान कोई देता नही है।

शिवराज से की बच्चों ने मांग

आज मीडिया के माध्यम से नन्ही बच्चियां प्रदेश के मुखिया मामा शिवराज से मांग कर रही है के उन्हें एक अच्छा भवन दे दिया जाए जिसमे वे पढ़ाई कर सके क्यों के टिन टप्पर के स्कूल में जंहा बारिश ने परेशान किया वन्ही धूप भी परेशान करती है शिक्षिका भी जुगाड़ का ब्लेक बोर्ड पत्रों के सहारे लगाए सारी शिक्षण सामग्री इधर उधर टांगे अपना दायित्व ज़मीन पर पल्ली बिछाए निभा रही है ग्रामीण कैलाश की माने तो बच्चों को परेशान होता देख उसने खुद की ज़मीन उन्हें पड़ने के लिए दी और खुद स्थानीय विधायक से कई बार मिला के जमीन वो दे रहा है अगर प्रशासन भवन की सुनवाई नही करता तो आप अपनी विधायक निधि से ही भवन बनवा दो लेकिन विधायक भी ध्यान नही देता।

2014 से आज तक नहीं ली गई कोई सुध

शिक्षिका की माने तो 2014 से वे बच्चों के ऐसे ही पड़ा रही है शासन स्तर पर कई बार लिखित में देकर मांग भी की है लेकिन नतीजा सिफर है वन्ही जवाबदार कहते है के 2014 से हर वर्ष प्रतिवेदन बनाकर राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल भेजा जाता है लेकिन स्वीकृति नही मिलती इसलिए सम्बंधित संस्थान को निर्देशित किया जा चुका है के जब तक भवन स्वीकृत न हो वैकल्पिक व्यवस्था स्वयं कर ले अब सवाल ये है के बगैर शासकीय भूमि के व्यवस्था क्या हो तो अधिकारी जवाब देते है ग्राम पंचायत के माध्यम से होगी लेकिन 2014 से अभी तक अगर सिर्फ कागजात ही चल रहे है तो आखिर बच्चों का भविष्य क्या होगा।