Jun 8, 2019
प्रशांत चौरसिया- दमोह जिले के नवागत कलेक्टर तरुण राठी के दरियादिली का एक नजारा उस समय देखने को मिला, जब वे दमोह के वृद्ध आश्रम में वृद्धों का हालचाल जानने पहुंचे थे। इस दौरान एक वृद्ध ने बातचीत के दौरान अपने गांव जाने की इच्छा जाहिर की। कलेक्टर ने तत्काल ही वृद्ध को अपनी गाड़ी में बिठा कर उसके गांव तक छोड़ा तथा उनके बेटों को समझाइश दी कि वे अपने पिता का अच्छे से पालन-पोषण करें। दमोह कलेक्टर की इस दरियादिली की लोगों ने जमकर तारीफ की।
वृद्ध ने मुलाकात के दौरान लगाई थी कलेक्टर से उसे घर पहुंचाने की गुहार
दमोह जिला मुख्यालय पर स्थित वृद्ध आश्रम में रहने वाले 80 साल के अज्जू अहिरवार को उनके परिजनों ने अपने साथ में न रखते हुए उन्हें वृद्ध आश्रम भेज दिया था। दमोह जनपद के बरबांसा गांव के रहने वाले उनके परिजन अपने इस बुजुर्ग को अपने साथ नहीं रखना चाहते थे। यही कारण था कि अज्जू अहिरवार कई सालों से वृद्ध आश्रम में अपना जीवन गुजार रहे थे। वहीं कलेक्टर के सामने उन्होंने घर जाने की इच्छा व्यक्त की। जिस पर कलेक्टर ने उनको अपनी गाड़ी पर बिठाकर स्वयं ही उनके गांव छोड़ दिया। इस दौरान अज्जू अहिरवार के पुत्र ने पारिवारिक परेशानियों की बात बताते हुए बुजुर्ग को अपने साथ रखने में असमर्थता जाहिर की। वहीं कलेक्टर ने रोजगार में सहायता करने का आश्वासन भी दिया। नवागत कलेक्टर तरुण राठी ने बताया कि वे वृद्ध आश्रम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं। उनका मानना है कि बुजुर्गों को उनके घर में रहना चाहिए। यही कारण था कि बुजुर्ग को लेकर वे उसके गांव आए हैं।