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दबंग ने किया आदिवासी की जमीन पर कब्जा, प्रताड़ना से तंग आकर परिवार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांगी इच्छामृत्यु

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Sep 26, 2019

राज बिसेन : बालाघाट जिले के बैहर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पांडयाटोला उकवा निवासी तीन आदिवसियों की 52 एकड़ जमीन पर जबरन अवैध कब्जा करने का मामला सामने आया है। मामले में (लक्ष्मण सैयाम, किशन लाल, सोहन लाल, जाति गोंड) ने बताया कि हमारी 52 एकड़ जमीन पर जतिंदर सिंह सरदार उर्फ जत्ती निवासी बालाघाट ने पिछले कई वर्षो से अवैध कब्जा किया हुआ है, जिसके समस्त दस्तावेज हमारे नाम पर है। बावजूद इसके सरदार द्वारा हमे डरा धमकाकर जातिगत तौर पर गालीगलौच करते हुए जान से मारने की धमकी देता है और हमारी जमीन पर लगे नीलगिरि व सतकट्ठा लकड़ी काटकर बेच चुका है। 

कई सालों पहले की थी शिकायत, अब तक कार्रवाई नहीं
बता दें कि, जिसकी शिकायत हमारे द्वारा तीन-चार वर्षों से की गई परन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही हुई है, इस संबंध में पुलिस महानिदेशक भोपाल, हल्का पटवारी से लेकर राजस्व मध्यप्रदेश शासन भोपाल तक तथा तत्कालीन एवं वर्तमान मुख्यमंत्री को जतिंदर सिंह सरदार की दबंगई के साथ दबाव बनाकर गुंडागर्दी के साथ गलत दस्तावेज पेश कर गुमराह करके हमारी खेती में कब्जा किए हुए हैं।

मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान परिवार
इसके कारण हमारा पूरा परिवार मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान हो चुका है हमारी पुस्तैनी जमीन 52 एकड़ 47 डिसमिल है जिसे सरदार ने अपने कब्जे में कर के इस खेती से हमें वंचित कर दिया है और जातिगत गंदी गालियां देकर हमें डराता धमकाता है, जिसकी प्रताड़ना से तंग आकर हमने मुख्यमंत्री के नाम इच्छा मृत्यु का की अनुमति का आवेदन राजस्व अनुविभागीय अधिकारी को किया है या तो हमें हमारा अधिकार दिलाया जाए या हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान की जाए। 

आवेदक की शिकायतों पर प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान
नियम अनुसार आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी के पास या उनके कब्जे में होना गैरकानूनी है। आवेदक की शिकायतों पर शासन प्रशासन के द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है एक तरफ कमलनाथ सरकार गरीब आदिवासियों पर शोषण के प्रति न्याय की बात करती है लेकिन उन्हें अब तक कोई न्याय नहीं मिल पाया है।