Loading...
अभी-अभी:

दोनों पैर कट जाने के बाद नही मिला लाभ तो माँगी इच्छा मृत्यु

image

Sep 7, 2018

आदर्श पाराशर : रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील का मामला जहां 55 वर्षीय युवक के ऊपर 33 केव्ही विधुत लाइन गिर जाने के कारण युवक के डॉ द्वारा दोनों पैर काटने पड़े।युवक अपने पूरे परिवार का भरण पोषण करता था। आज पूरा परिबार भोजन के लिए परेशान हैं युवक ने शासन से मदद की गुहार लगाई , आखिर थकहार कर इच्छा मृत्यु के लिये गुहार लगा रहा हैं।

बता दें शासन की तमाम योजनाओं का लाभ इस पीड़ित को नही मिल सका। 55 वर्षीय छतर सिंह को ऊपर 4 मई 2016 को 33 के व्ही विधुत लाइन का तार बाथरूप करते समय गिर गया था जिसके कारण दोनों पैर जल गए थे। नजदीकी निजी अस्पताल परिबार लेकर गए तो इलाज से मना कर दिया जब हमीदिया अस्पताल भोपाल ले गए तो पेसेंट के साथ डॉ द्वारा मारपीट की गई। परिवार ने 23 अगस्त 2016 को निजी अस्पताल नर्मदा अस्पताल भोपाल में भर्ती किया गया जहां 3.50 लाख में उसके दोनों पैर काट दिए गए और तीन माह इलाज चला,जिससे जान तो बच गई लेकिन जीवन पलग पर ही थम गया।

जब परिवार के लोगो ने मदद की गुहार लगाई तो स्थानीय विधायक रामकिशन पटेल उदयपुरा ने 4 हजार की सहायता देकर पल्ला झाड़ लिया। परिबार में पीड़ित ही पालक था जो अपनी पत्नी सहित बेटा बहु को पाल रहा था। परिबार के पास जितनी पूंजी थी सब इलाज में खर्च हो गई। न तो विधुत विभाग से लाभ मिला और न ही वन विभाग से जहां मजदूरी करता था। जब ग्राम पंचायत से विकलांग पेंशन की गुहार लगाई तो एक साल से अधिक होने के बाद निजी अस्पताल के विकलांग सर्टिफिकेट को अमान्य घोषित कर दिया। पत्नी और बेटा सेबा में लगे रहते हैं आखिर भरणपोषण की व्यवस्था कौन करें। पत्नी ने बताया कि रिश्तेदारों से कर्ज लेकर और जेबर बेचकर इलाज करा लिया अब क्या करे। कोई व्यवस्था नही हैं। अब तो एक ही मार्ग हैं सपरिबार इक्षा मृत्यु कर ले।कोई सहारा ही नही हैं।

पीड़ित अब पलग पर पड़े पड़े थक गया हैं बहीं परिबार उसकी ही देखभाल और सेवा में लगा हैं। सरकार से कोई लाभ नही मिला हैं या तो सरकार कोई सहायता दे या पड़े पड़े रहने से अच्छी इक्छा मृत्यु दे दे। जब पंचायत के पंच प्रतिनिधि से बात की तो बताया कि सरपंच सचिव इनके निजी अस्पताल के सर्टिफिकेट को अमान्य कर रहे हैं।ऐसे में गरीब जिला अस्पताल जाए तो कैसे।कोई राशि ही नही हैं जो जिला तक पहुँच पाए। सरकार की कोई योजना इस गरीब के लिए नही हैं या सरकार मदद नही करना चाहती।क्या इक्षा मृत्यु माँगना पीड़ित के लिए आखरी मार्ग होगा।