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राजगढ़ः डॉक्टर ड्यूटी के समय घर पर नोट के लिए लगाता है क्लास, मरीज होते रहे परेशान

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May 16, 2019

नरेन्द्र शर्मा- पिछले दिनों जहाँ एक ओर कलेक्टर ने सोशल मिडिया पर खबर देखकर एक मरीज को ब्लड डोनेट करके उसकी जान बचाई है, वहीं दूसरी ओर माचलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के हालात खराब होती जा रही है। यहाँ के डॉक्टर अपनी मनमर्जी से कार्य करते है। उन्हें न तो मरीजों की चिंता है, न प्रशासन का डर, वह अपनी मर्जी से आते हैं और अपनी मर्जी से ही जाते हैं।

कहते हैं कि डॉक्टर भगवान का स्वरूप होता है। लोग अपनी अवस्था व स्वास्थ्य से मजबूर होकर ही अस्पताल आते हैं। अक्सर दूर दराज से आने वाले मरीज, गंभीर हालत वाले मरीज भी घंटो-घंटो बैठे रहते हैं डॉक्टर की इंतजार में। ऐसे में यदि डॉक्टर ही समय पर उपलब्ध न हो तो बहुत गुस्सा आना स्वाभाविक है।

डॉक्टरों को अस्पताल में मरीज का इलाज करने से ज्यादा दिलचस्प लगता है मरीजों को घर पर देखना

जब स्वराज एसप्रेस की टीम ने हकीकत की धरातल पर पहुंच कर जांच की तो अस्पताल बदहाली की गिरफ्त में नजर आया। डॉक्टरों का किस्सा तो ऐसा था कि सुबह 9:35 बजे तक कोई डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठा। तमाम मरीज लंबे समय से बैठे डॉक्टरों का इंतजार करते रहे। अपनी पारी जल्दी आने के इंतजार में विभिन्न बीमारियों से कराहते हुए मरीज सुबह आठ बजे से ही बैठे, डॉक्टरों की राह देखते नजर आए। मगर डॉक्टर के हौसले इतने बुलंद है की ओपीडी के समय में अपने निजी मकान में फीस लेकर इलाज करते नजर आये। जब उनसे पूछा गया तो तरह तरह के बहाने बनाने लगे इससे पहले भी स्वराज एसप्रेक्स पर प्रमुखता से खबर को दिखाया गया था मगर स्वास्थ्य विभाग ने औपचारिकता पूरी की फिर से वही हालात बन गए है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो डॉक्टर पदस्थ है मगर आपसी मेल मिलाप से बिना सूचना के अनुपस्थित रहते है।