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सरकारी फाइलों में अटका महिला बाल विकास का ड्रीम प्रोजेक्ट

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Feb 27, 2018

म.प्र. सरकार के महिला बाल विकास का ड्रीम प्रोजेक्ट एक बार फिर से सरकारी फाइलों में फंस कर रह गया है पहले विवाद जमीन को लेकर था जिस पर बाद में प्रशासन ने हरी झंड़ी दे दी थी, लेकिन अब इस जमीन का विवाद प्रदेश स्तर की फाइलों में अटक गया है। बता दें कि जिस जमीन पर ये सेंटर बनाने का प्रस्ताव है, वह जमीन अरबों रूपए की कीमत की है, जिस पर राजनैतिक लोगों की नजर गढ़ी है, ऐसे में 2 साल बाद भी स्टेट न्यूट्रीशन सेंटर फिर से सरकारी फाइलों में दब गया है।

गौरतलब है कि ग्वालियर शहर में गोला का मंदिर चौराहे के पास खाली जमीन पर बनने वाला 6 करोड़ 50 लाख रुपए का स्टेट न्यूट्रीशन एंड ट्रेनिंग सेंटर और 32 करोड़ रुपए लागत का 100 बिस्तर वाला कामकाजी महिला आवास गृह एवं संसाधन केन्द्र सरकारी फाइलों में कई दिन से अटका हुआ है। इस सेंटर को ग्वालियर के प्रशासनिक स्तर पर जमीन भी स्वीकृत हो गयी थी। लेकिन फिर से प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है। दरअसल इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए तत्कालीन महिला बाल विकास मंत्री मायासिंह ने पहल की थी और शुरुआती बजट भी फाइनल करवाया था। 

इस मामले को लेकर प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर से कई बार पत्र व्यवहार किया जा चुका है। स्वयं मंत्री माया सिंह भी मौखिक रूप से कह चुकी हैं। इसके बाद स्टेट न्यूट्रीशन एंड ट्रेनिंग सेंटर के लिए प्रशासन ने जमीन का आवंटन भी कर दिया। लेकिन सरकारी दांवपेंच में फिर से सेंटर फंस गया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि महिलाओं के लिए हितकारी इस प्रोजेक्ट में नेता जगह बदलवाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। ताकि सेंटर को कहीं और बना दिया जाए और गोला का मंदिर की इस बेशकीमती जगह को किसी स्वशासी निकाय या संस्था के नाम से लीज कराकर कब्जा कर लिया जाए। वहीं सेंटर नही बनने से कुपोषण और महिलाओं के क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी नाराज है। 

इस सेंटर के बनने से मिलेंगी यह सुविधाएं

 1. न्यूट्रीशन एंड ट्रेनिंग सेंटर में महिला प्रशिक्षुओं को कुपोषण का स्तर पहचान सकेंगी।

2.  पोषण सहयोगिनी की भूमिका निभाएंगी सेंटर में।

3. आम आदमी के बीच जाकर सलाह देने सहित अन्य उपयोगी जानकारियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

4. सेंटर से प्रशिक्षित होने वाले विशेषज्ञ महिला।

5. बच्चे एवं किशोरियों का स्तर सुधारने के लिए तकनीकी सलाह देने में सक्षम हो सकेंगे।

बहरहाल न्यूट्रीशन सेंटर के लिए महिला बाल विकास ने अपनी तरफ से सारी कार्रवाई कर ली  है। लेकिन सरकारी नियम और राजनैतिक दावपेंच में फंसने के कारण ये मामला अभी दबा हुआ है। ऐसे में देखना होगा कि अखिर कब प्रदेश का पहला महिला न्यूट्रीशन सेंटर बन पाता है।