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निगम कर्मचारियों के फर्जीवाड़े के चलते एक महिला अपनी ही संपत्ति के लिए भटकने को मजबूर...

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Oct 22, 2019

दीपिका अग्रवाल : इंदौर नगर निगम में जहां निगम कर्मचारियों के फर्जीवाड़े और जालसाजी के कारण एक महिला अपनी ही संपत्ति के लिए भटकने को मजबूर है। अपनी संपत्ति को पाने के लिए आरटीआई लगाने के बाद अब ये महिला जनसुनवाई में पहुंची है, लेकिन यहां भी अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई गड़बड़ी मिलती है, तब भी महिला को अपनी संपत्ति हासिल करने के लिए कोर्ट की शरण लेनी होगी। 

संपत्ति का हुआ नामांतरण
दरअसल इंदौर के छावनी क्षेत्र में रहने वाली राशिदा का कहना है कि अपोलो टावर में उसके पति नजर हुसैन के नाम से उनका एक गोडाउन है,जो लगभग 19 साल से उसके पति के नाम पर ही था लेकिन लगभग 2 साल पहले अचानक उसके पति के बजाय पति के भाई के नाम पर संपत्ति कर की रसीद मिलने पर उन्होंने निगम में इसकी शिकायत की, तब पता चला की संपत्ति का नामांतरण हो चुका है।

निगम उपायुक्त लता अग्रवाल के मुताबिक
रशीदा का कहना है कि मौजूदा संपत्ति जोन 11 के अंतर्गत आती है जबकि फर्जीवाड़ा करते हुए जोन 3 में संपत्ति का नामांतरण किया गया है। जिस आधार पर संपत्ति का नामांतरण हुआ है, उसके दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने आरटीआई लगाई लेकिन दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए गए। जिसके बाद उन्होंने जनसुनवाई में शिकायत की है। हालांकि इस मामले में निगम की उपायुक्त लता अग्रवाल का कहना है कि मामले की जांच करवाई जा रही है और जोन 3 के एआरओ को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। यदि फर्जीवाड़ा पाया जाता है, तब भी संपत्ति के नामांतरण को रद्द करने का अधिकार निगम के पास नहीं है। निगम फर्जीवाड़े में शामिल एआरओ के खिलाफ सिर्फ कार्रवाई कर सकता है लेकिन संपत्ति का नामांतरण रद्द नहीं कर सकता।