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हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच ने म.प्र. शासन पर लगाया दस हजार रूपए का जुर्माना

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Jul 24, 2018

विनोद शर्मा : अवैध-कॉलोनियों को वैध करने के मामले में मध्य प्रदेश सरकार को बड़ा झटका लग सकता है मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश शासन पर दस हजार रूपए की जुर्माना ( कॉस्ट) लगाई है। कोर्ट ने 9 मई को मध्य प्रदेश से इस मामले में 15 दिन में जबाब तलब किया था। 

साथ ही कोर्ट ने शासन से पूछा था कि कौन से कानून के तहत अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा सकता है, और अवैध कॉलोनियों को बसाने वालों के खिलाफ शासन ने अब तक क्या कार्रवाई की है। लेकिन आज सुनवाई के दौरान शासन की और से इस मामले में और समय मांगा गया। जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। 

अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को है। दरअसल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक याचिका दायर की गयी थी। जिसमें कहा गया था कि सूबे की शिवराज सरकार 2018 में अपना वोट बैंक बनाने की नियत से कई सारी योजनाओं को नियमों के विपरीत लाभ लेने के कोशिश कर रही है। जिसके तहत प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है। जबकि इन कॉलोनियों को किसी भी नियम के तहत वैध नही किया जा सकता है। जिस पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। 

याचिकाकर्ता ने इस मामले में प्रदेश सरकार के साथ-साथ मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व सहित पांच लोगों को इस मामले में पार्टी बनाया था। जिन्हें कोर्ट ने 9 मई को शासन नोटिस जारी करके 15 दिन में जबाब तलब किया था। आपको बता दें कि 8 मई को प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण का काम की शुरूआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर से की थी। ग्वालियर नगर निगम सीमा की 690 अवैध कॉलोनियों में से पहले चरण में 63 अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण (वैध) करने की घोषणा की थी। साथ ही मध्य प्रदेश की चार हजार से अधिक कॉलोनियां वैध करने का एलान किया था।