Sep 7, 2018
अमित निगम : रतलाम जिले के अंतर्गत आलोट विधानसभा में जावरा से मात्र 2 किलोमीटर दूर 1 गांव बन्नाखेड़ा ऐसा गांव है जो आपने आपने ऐतिहासिक महत्व रखता है इस गांव का महत्व लोग इसलिए मानते हैं कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू 1954 में यहां आए थे और उस दौरान उनके साथ इंदिरा गांधी भी थी।
जवाहरलाल नेहरू ने यहां पर एक भवन जिसे चरखा भवन कहा गया था उसका लोकार्पण किया था और ग्रामीण बताते हैं कि इस गांव को उन्होंने गोद भी लिया था ग्रामीणों का कहना है ग्रामवासी वर्षों से मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं पूरे गांव में गंदगी का आलम है किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है बच्चों के लिए जो स्कूल है वह भी जर्जर अवस्था में और यहां पर आंगनवाड़ी के अलावा स्कूल परिसर में ही पशु चिकित्सालय लगता है।
खास बात यह है कि या पशु चिकित्सालय जवाहरलाल नेहरु के उद्घाटन किए हुए उस भवन में लगता है जिस पर उनका शिलान्यास लगा हुआ है , उल्लेखनीय है कि 1982 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री काल में इस भवन का जीर्णोद्धार अजय नारायण तत्कालीन खेल एवं युवा कल्याण मंत्री मध्य प्रदेश शासन द्वारा कुंवर भारत सिंह जी उपमंत्री वन खेल एवं युवक कल्याण मध्य प्रदेश शासन के मुख्य आतिथ्य मैं किया गया था जिसका शिलालेख वर्तमान में पशु चिकित्सालय पर लगा हुआ है जिस पर स्वर्गीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का उल्लेख है।
ग्रामीणों का कहना है कहना है इसके बाद पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर तक उन्होंने यहां की की मूलभूत सुविधाओं के लिए लगातार मांग की पर उन्हें सिर्फ आश्वासन मिले सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीणों को यहां की सड़क की है। उनका कहना है कि बारिश में तो इस सड़क से निकलना दुश्वार हो जाता है और बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाते उन्हें घर में ही रहना पड़ता है कई बार यहां के लोगों ने क्षेत्रीय विधायक जितेंद्र गहलोत एवं सांसद चिंतामणि मालवीय से सड़क के लिए गुहार लगाई आश्वासन तो मिले परंतु आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ अब ग्रामीण पूर्ण रूप से निराश हो चुके हैं और उन्होंने आशा छोड़ दी है क्योंकि ना तो कांग्रेसी ना ही BJP के नेता उनके सुन रहे हैं और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी उनकी सुध ले रहा है इसके चलते ग्रामीणों में खासा रोष और आक्रोश है।