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बायो गैस से रोशन हो रहा है कामधेनु गौ अभ्यारण्य

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Oct 7, 2018

हिन्दू सिंह यादव - विश्व का सबसे बड़ा गौ अभ्यारण्य सालरिया सुसनेर में कामधेनु गो अभ्यारण्य मे पहुचा जहा पर अभ्यारण्या का निरिक्षण किया जहां पर मोजुद डॉक्टरो व  अन्य लगे मजदुरो के साथ पुरे अभ्यारण्य का दौरा किया जहां पर कर्मचारीयो ने बताया कि  गत  माह से बिजली के मामले मे आत्मनिर्भर बन चुका है वर्तमान समय मे यहां पर पानी की मोटर भी बायो गेस से संचालीत हो रही है।

किया जा रहा गोबर का उपयोग

जिससे कि विधुत सप्लाय नही होने पर भी गौ वंष के लिये पानी की समस्या नही रहती हे व बिजली की बचत भी हो रही है बायो गैस के लिये प्रतिदिन 1 से 2 ट्रॉली गोबर का उपयोग किया जाता है वहीं तीन बने बायेगैस के टेंक मे यह गोबर डाला जाता है वहीं आने वाले दिनो मे अभ्यारण्य मे केचुआ खाद भी बनाया जावेगा जिससे क्षेत्र के किसानों सहीत अभ्यारण्य मे आर्थिम लाभ की प्राप्ति होगी।

पर्याप्त मात्रा मे गाये के लिये भुसा
गे अभ्यारण्य मे वर्तमान मे 4500 के लगभग गो वंष है जो प्रतिदिन प्रातः काल 8 बजे से 5 बजे तक गो अभ्यारण्य क्षेत्र सहीत मध्यप्रदेश व राजस्थान की सीमा मे लगे खुले जंगल मे कर्मचारी चराने के लिये लेकर जाते है जहां पर हरी घांस गो वंष खा रही है  वही अभ्यारण्य मे पदस्थ डाक्टर व कर्मचारीयो ने बताया कि वर्तमान समय मे अभ्यारण्य मे गौ वंष के लिये र्प्याप्त गेंहु का भुसा उपलब्ध है जिससे कि गो वंष के खाने मे किसी तरह की कमी नही है।

नहीं होगी घांस की कमी

उन्होने आगे बताया कि आने वाले समय के लिये भी हमारे पास 50-50 हेक्टर की दो बीड है जहां पर वर्तमानमे हरा चारा खडा है जिसे वन विभाग के द्वारा लगाया गया है जिससे आाने वाले समय मे घांस की कमी नही रहेगी 1 शेड मे बीमार गो वंष 1 शेड मे पोश्टिक मक्का
गे अभ्यारण्य मेब ने कुल 24 शेडो मे से 22 मे गो वंष है तथा 1 शेड मे बीमार गो वंष तथा 1 शेड मे बीमार गो वंष को खाने के लिये पेश्टिक मक्का बो रखी है।