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हरफन मोला गायक कलाकार किशोर कुमार का 89 वां जन्मदिन, जानिए किशोर दा से जुडे अहम पहलू

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Aug 4, 2018

प्रवीण दुबे : आज के दिन किशोर कुमार के चाहने वाले देश भर से उनके जन्मदिन पर खण्डवा पहुंचकर उनकी समाधि पर दूध जलेबी का भोग लगाकर उन्हें स्वरों के माध्यम से श्रद्धांजलि देते है। किशोर के चाहने वालो और उनकी आवाज के दीवानों के लिए यह अवसर खास होता है जिसका की वह वर्ष भर इंतजार करते है। 
 
मशहूर कलाकार किशोर कुमार यानि आभाष कुमार गंगोली का जन्म आज ही के दिन खण्डवा में बंगाली ब्राह्मण परिवार में एडवोकेट कुंजीलाल गाँगुली के यहा बॉम्बे बाजार स्थित गॉंगोली निवास में हुआ था उनकी माता का नाम गौरी देवी गंगोली था l उनकी प्रारम्भिक शिक्षा खण्डवा में और आगे की शिक्षा इंदौर डेली कालेज में हुई उन्हें अपनी जन्म भूमि खण्डवा से काफी लगाव था किशोर दा ने पहले ही कह दिया था कि मेरे मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार खण्डवा में ही किया जाये उनकी इच्छा अनुसार उनका पार्थिव शरीर खण्डवा लाया गया और उनका अंतिम संस्कार में किया गया।

खण्डवा में उसी जगह उनकी समाधि व स्मारक का प्रदेश सरकार और नगरनिगम ने निर्माण कराया है उनके जन्मदिन और पुण्य तिथि पर देश दुनिया से हजारो दीवाने खण्डवा पहुंचते है और उनकी समाधि पर श्रद्धांजिल अर्पित करते है वे उनके घर को देखते है यह आभाष करते है की इसी जगह उनके किशोर दा का जन्म हुआ था लेकिन अब किशोर के चाहने वालो को दुःख होता है कि किशोर का यह घर अब बिकने वाला है कुछ दिन पूर्व समाचार पत्रों में इस गंगोली निवास के बिकने और खरीदने पर आपत्ति की जाहिर सुचना प्रकाशित हुई थी। वही किशोर प्रेमी किशोर को भारत रत्न देने की मुहीम चला रहे जिसकी शुरुवात चुकी है।  
 
किशोर दा से आगाह प्रेम करते थे वह प्रोग्राम में अपना परिचय किशोर कुमार खंडवावाला कहकर देते थे उनकी इच्छा थी जीवन के अंतिम दिन वह अपनी जन्मस्थली खण्डवा में ही अपने मित्रो के साथ गुजारे लेकिन असमय ही उनका निधन हो गया उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उनका अंतिम संस्कार खण्डवा में किया गया शहर में संगीत व् किशोर प्रेमी उनके जन्मदिन को उत्स्व के रूप में मनाते है। 
 
किशोर दा अपनी मन मर्जी के मालिक थे जो करना है वह करना है जो नहीं करना वह नहीं करना फिर चाहे जो हो उनके जीवन में दोस्तों का खाने गाने का बड़ा महत्व रहा दूध जलेबी उन्हे सबसे प्रिय था वह पान के भी शौकीन थे कालजे के दिनों में रेल से खण्डवा से इंदौर जाते वक्त वह अपने मित्रो और यात्रियों को अपनी आवाज के जादू से अछूता नहीं रखते थे इसी आवाज ने किशोर दा को दुनिया में हमेशा हमेशा के लिए अमर कर दिया। किशोर दा का अपना अंदाज था जो नतो किसी और कलाकार देखने को मिला न मिलेगा वह कहते थे दूध जलेबी खायेगे खंडवा में बस जायेगे इसी बात से हम अंदाज लगा भर सकते है की वह अपनी जन्मभूमि से कितना प्रेम करते थे। 
 
 >>  अपनी आवाज और अदाकारी से फ़िल्मी दुनिया में अनूठी पहचान बनाने वाले किशोर कुमार ने अन्तिम सांस 13 अक्टूबर को मुम्बई में ली थी इसी दिन वो दुनिया को अलविदा कर चल बसे थे l 
>> किशोर कुमार का जन्म 04 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा में हुआ था। 

>> किशोर कुमार का निधन 13 अक्टूबर 1987 को मुम्बई में हुआ था l उनका अन्तिमसंस्कर उनकी अंतिम इच्चा अनुसार उनकी जन्मस्थली खंडवा में ही किया गया l

>> मध्यप्रदेश सरकार और खण्डवा नगरनिगम ने दो करोड़ रूपये से भी अधिक राशि से किशोर कुमार की याद में समाधि और स्मारक का निर्माण करवाया है।

>> मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किशोर दा की पूण्यतिथि पर " किशोर सम्मान " दिया जाता हें। जिसमे की दो लाख रूपये की राशी और सम्मान पत्र दिया जाता हें।महान गायक एवं हरफनमौला कलाकार स्वर्गीय किशोर कुमार के नाम पर स्थापित यह सम्मान प्रत्येक वर्ष बारी-बारी से निर्देशन, अभिनय, पटकथा एवं गीत लेखन के क्षेत्र में प्रदान किया जाता है।