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लॉक डाउन में ड्यूटी निभा रहे पुलिसकर्मी की बेटी की इलाज के अभाव में गई जान

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Mar 30, 2020

दमोह: हर वक्त जनता की सेवा के लिए मौजूद पुलिसकर्मी को क्या कुछ नहीं भुगतना पड़ता है। वहीं पुलिस की ड्यूटी कैसी और उन्हें किन परिस्थियों में ड्यूटी करना पड़ रही है। इसका एक दिल दहला दने वाला उदाहरण दमोह में सामने आया है। पुलिसकर्मी लॉक डाउन का पालन कराने के लिए सड़क पर ड्यूटी करता रहा, अस्पताल में उसकी बेटी की तड़प तड़पकर मौत हो गई। पुलिसकर्मी के बेटे की हालत भी गंभीर बनी हुई है। बता दें की लॉकडाउन होने से पुलिस जवानों को छुट्टी भी नहीं मिल रही है, जिससे वे अपने परिवार का भी ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दमोह में सामने आया है जब आरक्षक पिता अपनी ड्यूटी कर रहा था और उसकी 14 साल की बेटी ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। जब पिता को बेटी की मौत की जानकारी लगी तो वह ड्यूटी छोड़कर अस्पताल पहुंचा। वर्दी में ही पिता अपनी बेटी का पीएम कराने पोस्टमार्टम गृह पहुंचा। बेटी की मौत के गम में आरक्षक बार-बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों की मनमानी और छुट्टी नहीं मिलने की बात कह रहा था।

आरक्षक ने अधिकारियों पर मनमानी करने का लगाया आरोप

मिली जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन निवासी आरक्षक श्रीराम जारोलिया की 14 वर्षीय बेटी राधिका को रविवार सुबह आरक्षक की पत्नी शीला और बेटा हिमांशु जिला अस्पताल लेकर आये, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। आरक्षक ने बताया कि उसकी बेटी को 15-20 दिन पहले सर्दी जुकाम था, जिसका इलाज कराकर दवा ली थी तो ठीक हो गई थी। उस समय भी मुझे छुट्टी नहीं मिली थी, एक बार फिर बेटी की तबियत बिगड़ी थी तो अधिकारियों से शहर में ड्यूटी लगाने बोला था, लेकिन न तो छुट्टी मिली, न ही ड्यूटी शहर में लगाई गई। यदि शहर में ड्यूटी लगाई जाती तो मैं अपने परिवार का ख्याल रख पाता, लेकिन आज भी मेरी ड्यूटी गढ़ाकोटा सीमा पर लगाई गई थी। बेटी का स्वास्थ्य शुक्रवार सुबह से खराब था लेकिन ड्यूटी से टाइम न मिलने के कारण उसका ठीक से इलाज भी नहीं करा पा रहा था। वहीं बहन की मौत होने पर भाई हिमांशु की भी तबियत बिगड़ गई। राधिका दूसरे नंबर की बेटी थी, उससे छोटी एक और बेटी है। आरक्षक ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इसके पहले मेरी तबियत बिगड़ी थी, उस वक्त भी छुट्टी मांगी थी। बेटी की तबियत बिगड़ने पर छुट्टी मांगी थी, लेकिन छुट्टी नहीं मिलने पर शहर में ड्यूटी लगाने को कहा था, लेकिन आरआई अपने कार्यालय में नहीं बैठते हैं और मनमानी करते हैं। एएसपी और एसपी से बात की लेकिन किसी ने नहीं सुनी।