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स्थानीय सहारा फ्रेंचाइजी प्रमुख ने लगाई फांसी, खाताधारकों द्वारा की जा रही थी रुपयों की मांग

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Feb 24, 2019

शैलेन्द्र पँवार- स्थानीय सहारा फ्रेंचाइजी प्रमुख झुले फाँसी के फंदे पर, हुई मौत! पुलिस ने सुसाइट नोट जप्त कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मामले की जाँच शुरू कर दी है। सुसाइट मे कंपनी के मैनेजर मनोज दुबे धामनोद, रीजनल मैनेजर माधव कुमार सिंह झाबुआ, अजय कुमार श्रीवास्तव इंदौर एवं जोनल प्रमुख घनश्याम भोपाल को बताया जवाबदार।

शर्मा ने सुसाइड करने से पहले 2 पेज का सुसाइड नोट बनाकर छोड़ा

स्थानीय सहारा फ्रेंचाइजी के प्रमुख ने शनिवार देर रात्रि को अपने ही ऑफिस में डिप्रेशन के चलते फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि लगातार खाताधारकों द्वारा पॉलिसी परिपक्व होने पर रुपयों की मांग की जा रही थी। वहीं सहारा द्वारा खाता धारकों के रुपयों का भुगतान नहीं किया जा रहा था। फ्रेंचाइजी प्रमुख पंकज शर्मा 45 वर्ष ने शनिवार रात्रि मे नगर परिषद के पालिका निधि कॉम्पलेक्स स्थित फ्रेंचाइजी ऑफिस पर फांसी लगा ली। शर्मा ने सुसाइड करने से पहले 2 पेज का सुसाइड नोट बनाकर छोड़ा है, जिसमें उन्होंने साफ तौर पर लिखा है कि सहारा कंपनी द्वारा खाता धारकों का रुपैया नहीं देने पर उन्हें लगातार खाता धारकों का प्रेशर आ रहा है। रात्रि को जब शर्मा घर नहीं लौटे तो उनका 18 वर्षीय बालक उनके ऑफिस पर देखने पहुंचा। वहां उसने श्री शर्मा को फंदे पर झूलता देखा। इसके बाद उसने अन्य को घटना की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों एवं पुलिस की मदद से शर्मा को सरदारपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। सुबह पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया।

परिजनों व समर्थकों ने कंपनी के मैनेजर, रीजनल मैनेजर एवं जोनल प्रमुख के विरुद्ध की कार्यवाही की मांग

वहीं मृतक शर्मा के परिजनों व समर्थकों ने कंपनी के मैनेजर मनोज दुबे धामनोद, रीजनल मैनेजर माधव कुमार सिंह झाबुआ और अजय कुमार श्रीवास्तव इंदौर एवं जोनल प्रमुख घनश्याम भोपाल के विरुद्ध कार्यवाई की मांग करते हुए राजगढ़ थाने का घेराव कर ज्ञापन सौंपा। शर्मा की मृत्यु की खबर मिलते ही उनके परिचित घटना स्थल पर पहुंचे। शर्मा के पास से एक पाकेट से, दूसरा आफिस चेम्बर से सुसाईड नोट मिला। मौके पर FASL टीम ने पहुँचकर जांच शुरू कर दी है। श्री शर्मा के ऑफिस पर काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि वे दिन भर से डिप्रेशन में लग रहे थे। शाम को जब कर्मचारी घर गया तो वे वहीं ऑफिस पर थे। श्री शर्मा ने सुसाइड नोट में लिखा कि उन्हें खाताधारकों को करीब 20 लाख देना है, जबकि सहारा से उन्हें करीब 60 लाख रुपैया लेना है। लेकिन कंपनी द्वारा अक्टूबर से ही रुपैया नहीं दिया जा रहा है।

कंपनी के मैनेजर मनोज दुबे ने दी थी धमकी

8 फरवरी को सहारा के धार स्थित कार्यालय में हुई बैठक के दौरान उन्होंने अपने कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा भी की थी एवं रुपैया जल्द से जल्द भुगतान करने की बात कही थी। इस दौरान शर्मा द्वारा कंपनी के मनोज दुबे को अपना रिजाइन लेटर भी दिया गया था, किंतु दुबे ने रिजाइन लेटर आगे भेजने की बजाय शर्मा को धमकी देने लगे कि ऐसे ही रिजाइन देने से परेशानी से छुटकारा नहीं मिल पाएगा। भोपाल में हुई बैठक के दौरान जोनल ने इस संबंध में शर्मा से कहा था कि बाजार में मंथली खाता खोलो, ताकि खाताधारकों को भुगतान किया जा सके एवं फिलहाल कंपनी खाताधारकों को रुपैया देने की स्थिति में नहीं है।