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सांसद शंकर लालवानी ने सदन में उठाया शिक्षा का मुद्दा, 'राइट टू एजुकेशन' का दिया हवाला

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Dec 17, 2019

दीपिका अग्रवाल : इंदौर सांसद शंकर लालवानी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बेहद सक्रिय नजर आये। सांसद ने संसद में एक ऐसे मुद्दे को उठाया जिसका देशव्यापी असर है और जिस पर बोलने से अमूमन राजनेता कतराते हैं। दरअसल सांसद शंकर लालवानी ने सदन में स्कूलों की लगातार महंगी होती फीस और पहुंच से बाहर होती शिक्षा का मुद्दा लोकसभा में उठाया, लालवानी ने सीधे शब्दों में कहा कि निजी स्कूल मनमानी फीस वसूलते हैं। किसी एक जगह से किताबें खरीदने के लिए दबाव बनाते हैं, कभी बस के नाम पर तो कभी किसी और चीज के नाम पर शुल्क वसूलते हैं। ऐसे में मिडिल क्लास परिवार के लिए बच्चों को पढ़ाना मुश्किल होता जा रहा है।

उन्होंने सदन में मौजूद मानव संसाधन विकास मंत्री से निवेदन करते हुए स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मांग की। इसके साथ ही लालवानी ने राइट टू एजुकेशन का हवाला देते हुए एक बेहद अहम मसला भी उठाया और 8वीं के बाद भी विद्यार्थियों को लाभ देने की बात कही दरअसल, राइट टू एजुकेशन के तहत 14 साल तक की उम्र तक ही बच्चों को पढ़ाई का अधिकार मिलता है यानी आठवीं के बाद कई बार बच्चों को स्कूल छोड़ना पड़ता है। ऐसे में शंकर लालवानी ने कहा कि राइट टू एजुकेशन के तहत पूरी स्कूली शिक्षा मिले या इसका कोई रास्ता निकाला जाए ताकि गरीब बच्चों की पढ़ाई बीच में ही ना छूटे और वह अपनी पढ़ाई पूरी कर पाए। वहीं उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री से मिले आश्वासन के बाद उन्हें जल्द ही इस मामले में कोई निर्णय की सम्भावना है।