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विदिशाः पीड़िता बार-बार लगाती रही थाने का चक्कर, पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही

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May 22, 2019

दीपेश शाह- विदिशा के लटेरी थाना अंतर्गत कोलुआ पठार में रहने वाली एक नाबालिग लड़की को पिछले 7 माह पहले दो अज्ञात लोग नशीला पदार्थ खिलाकर उठा कर ले गए थे। लड़की के परिजनों द्वारा बार-बार पुलिस का द्वार खटखटाये जाने पर भी उनकी फरियाद अनसुनी कर दी गई। लेकिन खबर उसके बाद बनती है और पुलिस का असंवेदनशील चेहरा सामने आता है कि कैसे परिजन अपनी ही बेटी को ढूंढ कर लाए और पुलिस के दर पर माथा रगड़ रहे हैं कि आरोपियों को वह पकड़ कर ले आए।

आजकल पुलिस का अमित्रवत व्यवहार आता है सामने

बड़े जोर शोर से पहले अभियान चला था कि पुलिस आप की मित्र है। पूर्व महानिरीक्षक ने प्रदेश के हर थाने में इस प्रकार एक पुलिसकर्मी के फोटो के साथ थानों में चस्पा करा दिया था कि कोई भी व्यक्ति आए पुलिस उसके साथ मित्रवत व्यवहार रखेगी, लेकिन इस खबर के बाद विदिशा जिले की पुलिस के काम करने की पद्धति को बखूबी समझ पाएंगे। आजकल विदिशा जिले में एक और आम बात हो चुकी है कि लगातार मीडिया विदिशा पुलिस के कारनामों को और उनके काम करने के तरीकों को ऐसे ही उजागर कर रही है। जब पुलिस की छीछालेदर होने लगी, तब पुलिस कप्तान ने सभी टीआई, यहां तक कि एडिशनल एसपी तक से यह कह दिया है कि मेरे अलावा यानी पुलिस अधीक्षक महोदय के अलावा मीडिया को कोई बाइट नहीं देगा। वाह रे पुलिस कप्तान और वाह रे जिला पुलिस। आइए अब खबर को देखते हैं।

पानी में बेहोशी की दवा मिलाकर पिलाई और उठा ले गये

पीड़िता ने अपनी आपबीती बताते हुये कहा कि, वह बस स्टैंड सिरोंज पर बस का इंतजार कर रही थी। इतने में 2 लोग मोटरसाइकिल लेकर आये और पूछा कि तुम्हें कहां जाना है। इस नाबालिग ने कहा, वह अपनी बहन के यहां शादी में जा रही है। तब वे लोग कहने लगे, हम भी वहीं जा रहे हैं। तुम हमारे साथ चल सकती हो। इसके बाद पीड़िता की मानें तो उसे पीने को पानी दिया गया। जिसे पीते ही वह बेहोश हो गई। होश आने पर उसने स्वयं को किसी स्थान पर एक कमरे में पाया। उस बंद कमरे में 7 महीने तक वह लोग शराब पीकर, लड़की को मारते, पीटते व उसका शारीरिक शोषण करते रहे। चार लोग बारी-बारी से आते थे और उनके साथ दूसरे लोग रहते थे। वहीं लड़की को उसकी कोई परिचित मिल गई तो उसने लड़ाई झगड़ा करके पीड़िता को बाहर निकाला। उन अपराधियों में से एक ने धमकी दे डाली कि अगर किसी से कुछ बताया तो तुझे मार डालेंगे।

पुलिस का एक बेहद ही संवेदनहीन चेहरा आया सामने

पीड़िता सात माह तक लगातार चार दरिंदों की हैवानियत की शिकार बनती रही। सिर्फ शरीर ही तार-तार नहीं हुआ, आत्मा ही नहीं मारी बल्कि जमकर मारपीट भी की गई। पीड़ित नाबालिग की बात और उसके परिजन की बात के आधार पर यह खबर विदिशा जिले की पुलिस का एक बेहद ही संवेदनहीन चेहरा पेश करती है।

पीड़िता के परिजनों ने बताया कि बेटी के गायब होने पर वे पहले एफआईआर कटवाने थाने गये, तो पुलिस ने कहा, आ जाएगी। फिर कहा, तुम ही ढूंढ लाओ। जब परिजनों ने बेटी के उक्त स्थान पर होने का पता बताया तो पुलिस वाले कहने लगे कि अभी हमारे पास टाइम नहीं है चुनाव में बिजी हैं, तुम ही ले आओ। परिजन लड़की को जैसे तैसे करके ढूंढ कर ले आये। लड़की का मेडिकल कराने के नाम पर भी पुलिस ने कुछ करने नहीं दिया। जब उन्होंने पुलिस वालों से आरोपियों को पकड़ने की गुजारिश की तो पुलिस यह कहने लगी कि अब लड़की तुम्हें मिल गई, तो फिर क्या लेना देना।

इस तरह से फरियाद जब थाने में नहीं सुनी गई तो परिजन अपनी बेटी को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय गए, लेकिन यहां भी पुलिस कप्तान तो मिले नहीं, एडिशनल एसपी को इन लोगों ने ज्ञापन दिया। जैसा कि होता है हमेशा, ज्ञापन लेकर जब एडीशनल एसपी का वर्जन जानना चाहा तो बाइट के नाम पर इन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कहना था कि बाइट पुलिस अधीक्षक ही देंगे। फिलहाल मामले पर अब तक कोई कार्यावाही नहीं हो पाई है।