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चित्रकूटः विकास के नाम पर सरपंच व सचिव द्वारा सरकारी धन का किया गया बंदरबांट

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Jun 15, 2019

रामनरेश श्रीवास्तव- ग्राम पंचायतों के विकास के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट किस तरह किया जा रहा है, इसका उदाहरण मझगवा जनपद की पालदेव ग्राम पंचायत में देखा जा सकता है। जहां विकास के नाम पर सरपंच व सचिव ने मिलकर सरकारी धन को ठिकाने लगा दिया।  बुनियादी संसाधनों के नाम पर गांव में बनाई गई सड़कें महज 6 माह में ही उखड़ कर नेस्तनाबूद हो गई। सचिव व सरपंच ने जो सड़कें बनायीं भी, वो बगैर नाली के, जहाँ नालियों का पानी उल्टा लोगों के घरों में घुस रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक पदस्थ सचिव स्थानीय क्षेत्र का निवासी है, जो दबंग किस्म का है। उसकी धौंस से ग्रामीण अपने हक की मांग करने में भी कतराते हैं। लिहाजा सरपंच से मिली भगत कर सचिव जहाँ पीएम आवास में मजदूरी हड़प कर धांधली कर रहा है, तो वहीं पंचायत में लंबे समय से काबिज सचिव अवधेश कुमार पटेल जनपद सीईओ की सह पर ग्राम पंचायत में एक के बाद एक भ्रष्टाचार कर रहा है। अधिकारियों को कमीशन पहुंचाने वाले सचिव की बेलगाम कार्यप्रणाली से पंचायत के निर्माण कार्यों में पलीता लग रहा है।

भ्रष्टाचार के चलते ग्राम पंचायतों का बुरा हाल, घटिया सड़क निर्माण

मझगवा जनपद में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते ग्राम पंचायतों का बुरा हाल है। विकास के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट हो रहा है, तो वहीं मझगवां जनपद की पालदेव पंचायत के जुगुलपुर और पौसलहा गांव के ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि  सचिव अवधेश कुमार पटेल स्थानीय क्षेत्र का निवासी है जो पंचायत में लंबे समय से काबिज है उसने पंचायत में जो भी विकास कार्य करवाए हैं। वह इतना घटिया कार्य हुए हैं कि बनने के बाद ही सीसी सड़कें उखड़ गयीं। शिकायत शिकवा के बाद भी अधिकारी वहां देखने तक नहीं पहुंचे। यहां तक कि इंजीनियर ने भी कमीशन की दम पर आंख मूंदकर घटिया सीसी सड़के बनवा दीं, जो महज 6 माह के अंदर ही उखड़ गई।

मझगवा एसडीएम का कहना है कि पंचायत में बनायी गयी सड़कों का तकनीकी परीक्षण करवाएगें, यदि घटिया कार्य पाया गया तो कार्यवाही की जाएगी।