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बड़वानीः मां की ममता बनी बच्चों के लिए मुसीबत, पाबंदियों के साये में पल रहे बच्चे

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Oct 23, 2019

सचिन राठौड़ – हम जिस समाज में रहते हैं, अपने आपको सुरश्रित महसूस करते हैं। मगर कभी कभी इसी समाज के डर से लोग इस कदर सहम जाते हैं कि सही गलत का फर्क भी भूल जाते हैं। ऐसा ही एक घटना देखने में आई है जहां चार बच्चों की विधवा माँ का बच्चों के प्रति प्रेम व चिंता इतनी बढ़ गई कि वह बच्चों के लिए मुसीबत बन गई है। पाबंदियों के साये में पल रहे हैं बच्चे। यहां तक कि बड़ी बेटी के स्कूल जाने पर मां अपने तीन बच्चों के साथ स्कूल के सामने बैठी रहती है। मामला पुलिस तक पहुंचा, पुलिस ने मां को समझाईस देकर कहा कि बच्चों की आजादी न छीने। 

अपनी बेटी के स्कूल समय में बाकी बच्चों के साथ वहीं बैठी रहती है मां

लगभग साल भर पहले अपने पति को खो चुकी राधा बाई के 4 बच्चे हैं। राधाबाई अपने पति की मौत के बाद बच्चों का खयाल इस तरह रखने लगी कि वह बच्चों के लिए मुसीबत सी बन गई। राधाबाई की एक बालिका है जो कक्षा नवीं में बड़वानी कन्याशाला स्कूल में पढ़ती है। राधाबाई अपने दूसरों बच्चों के साथ, जिसमें एक बच्चा लगभग जवान है, को छोड़ने आती है और फिर स्कूल के खत्म होने तक वहीं बैठे रहती है। चौराहे पर रहने वाले लोगों ने पिछले तीन-चार महीनों से जब इस स्थिति को देखा तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस वहां पहुंची तो राधा भाई और बच्चों को देखा। जब उनसे पूछताछ की तो मालूम पड़ा कि रोज अपने बच्चों को यहां लेकर आ जाती है और बच्चों पर इतनी पाबंदी है कि वह कहीं आ जा भी नहीं सकते और किसी से बातचीत भी नहीं करते।

पुलिस ने मां और बच्चों को समझाया

फिर पुलिस ने पूरे घटनाक्रम को जाना और राधा को इस संबंध में समझाइश देकर जाने दिया। खैर, राधाबाई अपने पति को खोने के बाद बच्चों को लेकर फिक्रमन्द हो चुकी है। इसका यह भी एक कारण है कि जिस तरह से आसपास का समाज है और जिस तरह से लोग मिलते हैं, उससे एक मां का भयभीत होना लाजिमी है। दूसरी तरफ राधाबाई का इस तरह अपने बच्चों पर ध्यान रखना, बच्चों के लिए मुसीबत भी बनते जा रहा है। हालांकि महिला सेल प्रभारी ने जहां माँ को बच्चों की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया, वहीं बच्चों को भी हर सम्भव मदद करते हुये स्कूल में एडमिशन करवाने का भरोसा दिलवाया है।