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नक्सलियों ने पर्चे फेंककर CAA व NRC का किया विरोध, एसपी ने की पुष्टि

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Jan 9, 2020

राज बिसेन : बालाघाट जिले में सक्रिय नक्सलियों ने भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध किया है। कान्हा नेशनल पार्क के बफर जोन में रह रहे आदिवासियों के विस्थापन का भी विरोध करते हुये संघर्ष करने की बात कही है। यह पर्चे और पैम्फलेट मुक्की के समनापुर और बाघाटोला सहित अन्य गांवों से बरामद हुये हैं। जिसकी पुष्टि एसपी अभिषेक तिवारी ने की है।

पर्चे में मोदी, शाह और भागवत के नापाक इरादे को ध्वस्त करने का उल्लेख
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी एम.एम.सी. स्पेशल जोनल कमेटी  कान्हा भोरम दलम द्वारा ग्रामीणों को जो पर्चे दिये हैं उनमें नागरिकता संशोधन कानून और एनआसी वापस लेने का उल्लेख किया गया है। पर्चे में संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले मोदी,शाह और भागवत के नापाक इरादे को ध्वस्त करने का उल्लेख किया गया है। अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है। बेरोजगारी के लिये जिम्मेदार मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का भी उल्लेख किया गया है और प्रतिरोध कर रहे छात्र और आम जनता पर लाठी गोली बरसाने वाली मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी का भी उल्लेख किया गया है।

जल,जंगल,जमीन पर ​आदिवासियों का अधिकार
इसके अलावा जल,जंगल,जमीन पर आदिवासी और वन निवासी जनता का अधिकार है तथा जोतने वालों को जमीन और सारी सत्ता क्रांतिकारी किसान कमेटी के हाथ में होने की बात कही है। जंगल पर निर्भर आदिवासी और अन्य निवासी जनता को सरकार जंगल से भगा रही है। बॉर्डर पर घर बनाने वालों का छ.ग.वन विभाग झोपड़ियां जला रही है। जंगली जानवरों को बचाने के बहाने इंसानों की जिन्दगी तबाह कर रहे हैं जिसका उनकी पार्टी विरोध कर रही है। 

नक्सली ग्रामीणों को कर रहे भ्रमित
हालांकि एसपी ने कहा कि इस तरह के पर्चे का ग्रामीण इलाकों में प्रभाव नहीं है। पुलिस सामुदायिक के तहत जनजागरण कर रही हैं पुलिस एलर्ट हैं और इससे नक्सलियों पर दबाव बना हुआ है। सर्चिंग बढ़ा दी गई है तथा एरिया डोमिनेशन किया जा रहा है। सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर नक्सलियों का विरोध क्यों? के सवाल पर एसपी ने कहा कि मैं इस पर ज्यादा कुछ कमेंट नहीं करूंगा। नक्सली इसी तरह लोगों को भ्रमित करने का काम करते हैं जिसका कोई प्रभाव आम जनमानस पर नहीं पड़ता।