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ग्वालियर शहर में पानी की सप्लाई को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में राजनीति शुरू

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Aug 28, 2019

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में पानी की सप्लाई को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में राजनीति शुरू हो गयी है। खास बात ये है कि बीजेपी और कांग्रेस की राजनीति में निशाने पर ग्वालियर कलेक्टर है। जिन्होनें एक सप्ताह पहले आदेश दिया था कि तिघरा डेम से शहर के लोगों को हर रोज पानी की सप्लाई की जाएं। ऐसे में नगर निगम के सभी पार्षद कलेक्टर के खिलाफ मुखर हो गए है वो कह रहे है कि कलेक्टर ने ये आदेश कांग्रेस के विधायक के कहने पर दिया है। जबकि कलेक्टर को नगर सरकार के पार्षदों को भरोसे में लेना था।

निगम परिषद ने लगाया अड़ंगा
ग्वालियर शहर के लोगों को पानी की सप्लाई रोजाना देने के मामले पर नगर निगम परिषद ने अड़ंगा लगा दिया है। पार्षदों का है कि एक विधायक ने वाहवाही लूटने के लिए प्रस्ताव रखा और कलेक्टर ने उस पर आदेश कर दिए। यदि ऐसा ही है तो हम सभी 66 पार्षद इस्तीफा दिए देते हैं। पार्षदों का आरोप यह भी था कि मंत्री, विधायक और अन्य सक्षम अधिकारियों के आदेश पर निगम में काम हो रहे हैं। परिषद के ठहराव को मानने के लिए निगम के अफसर तैयार नहीं हैं।

अमृत योजना का काम पूरा होने तक नियमित सप्लाई पर नहीं होगा विचार
इससे एक कदम आगे बढ़कर नगर निगम सभापति राकेश माहौर ने यहां तक निर्देश दे दिए कि जब तक अमृत योजना का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक नियमित सप्लाई पर विचार न किया जाए। इस बीच परिषद की बैठक में पार्षदों की नाराजगी इस बात की थी कि कलेक्टर ने निर्देश देने के पहले उनसे क्यों नहीं पूछा? कलेक्टर अनुराग चौधरी द्वारा दिए गए नियमित सप्लाई के निर्देश पर पार्षदों सहित सभापति का कहना था कि इस बार बारिश कम हुई है। आगे कितनी बारिश होगी, कौन बता सकता है। ऐसे में नियमित सप्लाई का निर्णय औचित्यहीन है। एक दिन छोड़कर ही सप्लाई होना चाहिए। वहीं नगर सरकार के पार्षदों का गुस्सा देखकर कलेक्टर भी बैकफुट पर है। वह कह रहे है कि जो परिषद निर्णय होगा उसी हिसाब से पानी की सप्लाई की जाएंगी।

कलेक्टर के निर्णय पर हंगामा
ग्वालियर शहर में नियमित पानी सप्लाई के मामले में सबसे ज्यादा गुस्सा भाजपा पार्षदों में दिखा। खास बात यह है कि पिछले मानसून में तिघरा बांध सहित सभी ऊपर के बांध भर गए थे। लेकिन परिषद की ओर से नियमित सप्लाई का निर्णय नहीं लिया गया था। वैसे लगभग दो साल से ग्वालियर शहर के लोगों को एक दिन छोड़कर पानी दिया जा रहा है। पिछले छह माह से सप्लाई को नियमित करने की मांग पार्षदों के द्वारा ही की जा रही थी। लेकिन जब कलेक्टर ने इस अपने स्वविवेक से इस पर निर्णय ले लिया है तो हंगामा बरपने लगा है।