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सरपंच बहादुरसिंह सौंदिया बने समाज के लिए एक नई मिशाल, गरीब बेटी के धर्म भाई बन कर विवाह का उठाया खर्च

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Feb 27, 2020

राजगढ़: जिले के करबा गांव में गरीब ब्राह्मण परिवार की बेटी की शादी मंदिर से होनी थी। इस बात का पता जब उसकी ससुराल वाले गांव के सरपंच को लगा। तब, सरपंच ने उसे धर्म बहन बनाकर लड़की की शादी बहुत ही धूमधाम से कराई। इस बीच लगभग 4 हजार लोगों को भोज भी कराया गया। नरसिंहगढ़ तहसील के ग्राम करबा निवासी दिनेश शर्मा की बेटी वर्षा की शादी ब्यावरा तहसील ग्राम चाठा निवासी रामदयाल शर्मा के बेटे मुकेश से तय की गई थी। वहीं, दिनेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए 25 फरवरी को यह शादी खिलचीपुर के गायत्री मंदिर से कराना तय हुआ था। मकर संक्रांति पर वर्षा के परिजन चाठा गांव गए थे। चाठा के सरपंच बहादुरसिंह सौंदिया की मां शांतिबाई ने गांव में हो रही रिश्तेदारी के चलते वर्षा के परिजन को अपने घर बुलाया था।

बहादुरसिंह ने ही वर्षा का कन्यादान भी किया

वर्षा के परिजन ने उन्हें कहा कि 25 फरवरी को गायत्री मंदिर से विवाह सम्पन्न करेंगे। इसी बीच शांतिबाई के पूछने पर उन्होंने आर्थिक तंगी का हवाला दिया। जिस पर शांतिबाई बोलीं कि मैं वर्षा को बेटी बनाकर अपने घर से विदा करना चाहती हूं। शांतिबाई के बेटे सरपंच बहादुरसिंह ने भी इस पर सहमति जताते हुए वर्षा को अपनी धर्म बहन बनाकर धूमधाम से शादी करने का प्रस्ताव् दिया। जिस पर वर्षा के परिजन मान गए। वहीं, सरपंच बहादुरसिंह ने शादी की बड़े स्तर पर तैयारी की। उन्होंने आमंत्रण पत्रिका में वर्षा के पिता के नाम के पश्चात् धर्म पिता के रूप में अपने पिता स्व. लक्ष्मीनारायण सौंधिया का नाम लिखवाया। वहीं, खुद का नाम धर्म भाई के रूप में लिखवाया। बीते 25 फरवरी को सरपंच के विशाल घर में से वर्षा की शादी धूमधाम से की गई। बहादुरसिंह ने ही वर्षा का कन्यादान भी किया।