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नाबालिग बच्चियों के अपहरण मामले में छह आरोपियों को 10-10 साल का कारावास

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Dec 5, 2019

धर्मेन्द्र शर्मा : अनैतिक कार्य कराने के उद्देश्य से नाबालिग बच्चियों के अपहरण के मामले में न्यायालय ने दो महिलाओं समेत छह आरोपियों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय का मानना है कि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति रोकना बेहद आवश्यक है। अन्यथा माताएं बच्चियों के अपहरण के डर से कन्या भ्रूण हत्या की ओर अग्रसर होगी। ऐसी किसी भी स्थिति को रोके जाने के लिए आरोपी गणों को सजा देना बेहद जरूरी है। न्यायालय ने आरोपियों पर लगाए जुर्माने की राशि में से 20 हजार रुपए पीड़िता के पुनर्वास के लिए देने का भी आदेश दिया है।

दरअसल लक्ष्मीबाई निवासी जवाहर कॉलोनी डबरा को पुलिस द्वारा पकड़ा गया था। पूछताछ में खुलासा हुआ की लक्ष्मी बाई व उसके दो बेटों राजेश व राजू कुशवाह और रामनाथ पाल व राममिलन कंजर ने 2 जनवरी 2017 को रेलवे स्टेशन ग्वालियर से 6 वर्षीय बच्ची का अपहरण किया था बाद में उसे अनैतिक कार्य के लिए अलसा बाई कंजर निवासी दतिया को 40 हज़ार रुपये में बेच दिया गया। इसके बाद में पुलिस ने अल्सर बाई के पास से बच्ची को भी बरामद किया था। डीएनए परीक्षण की रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि अलसी भाई और बच्ची का जैविक संबंध नहीं है। ऐसे में सभी बिंदुओं की निशानदेही के आधार पर न्यायालय ने सभी आरोपियों को सख्त सजा सुनाई है और लक्ष्मी बाई पर नौ हजार रुपए का जुर्माना, राजेश एवं राजू कुशवाह साथ ही रामनाथ और राम मिलन कंजर पर सात-सात हजार रुपये। वहीं अल्सर बाई पर 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।