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बड़वानीः सांप के काटे का इलाज के लिए आज भी कई लोग झांड़फूंक का लेते हैं सहारा

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Jun 1, 2019

विजय शर्मा- बड़वानी सेंधवा महिला को सांप के काटने के बाद डॉक्टरों के बजाय तंत्रमंत्र के भरोसे बैठे रहे परिजन। घण्टों महिला को खाट के नीचे लेटा कर झाड़-फूंक द्वारा करते रहे इलाज। मीडिया कर्मी द्वारा मामला संज्ञान में लाए जाने पर सेंधवा बीएमओ ने एएनएम को मौके पर पहुंचाने की बात कही।

बड़वानी सेंधवा के ग्राम मेहदगांव में में कल शाम 7 बजे सुनीता नामक एक महिला को सांप ने डस लिया। महिला जब अपने घर के दरवाजे पर खड़ी थी, तब ही उसे हाथ में कोहनी पर सांप ने डस लिया जिससे महिला चक्कर खा कर गिर गई, लेकिन इसके बाद जो हुआ वह बहुत आश्चर्यचकित करने वाला था। सेंधवा शहर से सटे इस गाँव के लोगों ने अपनी अज्ञानता का वह परिचय दिया जो हर किसी को हैरत में डाल देता है। इन लोगों ने महिला को डॉक्टर के पास ले जाने की बजाय बडवा (झाड़ फूक करने वाले) को बुलाया और महिला के इलाज की बजाय, झाड़-फूंक शुरू हो गई।

ग्रामीणों में आज भी अंधविश्वास है बोलबाला

महिला को घर के बाहर एक खाट के नीचे सुला दिया। खाट के एक हिस्से को लकड़ी के सहारे टेक दिया और उसके नीचे शाम तक महिला को लिटाये रखा। समय-समय पर बड़वा झाड़-फूंक करता रहा। इस दौरान महिला को कुछ भी खाने-पीने तक नहीं दिया गया। सिर्फ उसे कुछ केले खिलाये गये। लोग भी तमाशबीन बन यह सब देखते रहे और चमत्कार का इंतजार करते रहे। ग्रामीणों में आज भी कितना अंधविश्वास है इसकी पोल खुल गई। खैर, महिला तो इस तमाशे के बाद भी बच गई, क्योंकि डॉक्टर के अनुसार ज्यादातर सांप जहरीले नहीं होने से कई सांपों के काटने के बाद भी इंसान की जान नहीं जाती। दूसरी तरफ यदि सांप जहरीला होता तो इस झाड़फूंक के चक्कर में महिला की जान भी जा सकती थी।