Jul 10, 2018
इंदौर में पिंक लायसेंस बनाने के लिए जिला प्रशासन और आरटीओ ने अभी कोई भी केम्प लगवाने का मन नहीं बनाया है जिसके कारण जिले के महिलाओ एवं छात्राओं को मजबूरन सामान्य लायसेंस बनवाना पड़ रहा है साथ ही इसके लिए भी फीस के अलवा दलालो को भी कमीशन देना पड़ रहा है इंदौर आरटीओ के अधिकारी से जब पिंक लायसेंस के बार में बात की तो उन्होंने कहा की ये सरकार को योजना थी और घर घर जाकर लायसेंस बनाना हमारा काम नहीं है ना हमारे पास आमला है साथ ही उन्होंने यह कह दिया की यह केंम्प नियमित रूप से लगाना हमारे लिए संभव नहीं है ना ही अलग अलग मोहल्लो में जाकर इस लायसेंस को बनाना हमारा काम नहीं है।
इंदौर के कलेक्टर निशांत वरवड़े से इस बारे में 2 जुलाई को सवाल किया था तो उन्होंने इसको चेक करवाने की बात कही साथ ही भष्टाचार के मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत करने की बात की आरटीओ पिंक लायसेंस के लिए कितनी रूचि ले रहा है साथ ही जिला प्रशासन कितना सक्रिय है क्यों की पिंक लायसेंस के लिए आखरी केम्प मार्च महीने में महू में लगा था।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के द्धारा दिए गए बयान से यही लगता है पिंक लायसेंस की योजना भी ठन्डे बस्ते में चली गयी है क्योकि वही जिला प्रशासन की लापरवाही और आरटीओ के इस रवैये के कारन छात्राओं और महिलाओ को मजबूरन पैसे देकर सामान्य लायसेंस बनवाना पड़ रहा है क्योकि आरटीओ और ट्रेफिक पुलिस को चालान काटकर जेब जो भरनी होती है वही अभी तक इंदौर में मात्र 4000 पिंक लायसेंस ही बन पाए है।