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युवक की मौत के बाद जिंदा होने की कहानी का खुला राज़

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Oct 1, 2018

सन्दीप मिश्रा - इंदौर में पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में घायल हुए एक शख्स की मौत के बाद जिंदा होने की कहानी से आखिरकार सस्पेंस खत्म हो गया है। दरअसल पुलिस ने इस मामले में बताया है कि युवक की एक्सीडेंट के दौरान ही मौत हो गई थी, लेकिन परिजनों की शंका पर निजी अस्पताल में दोबारा से उसकी जांच कराई गई।

उपचार के दौरान डॉक्टर ने युवक को बताया मृत बताया

दरअसल मामला इंदौर के श्रद्धा सदन इलाके के रहने वाले कैलाश चौहान की मौत से जुड़ा है। पिछले दिनों कैलाश चौहान अपने साथियों के साथ मोटरसाइकिल पर जा रहा था। अचानक गोपुर चौराहे के वहां उसकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल अवस्था में पीसीआर वाहन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उसकी हालत नाजुक होने के चलते उसे एमवाय अस्पताल भेज दिया गया। यहां उपचार के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाए आरोप

इसके बाद उसका शव मुर्दाघर में रख दिया गया, लेकिन सुबह परिजनों को शंका हुई कि मृतक की सांस चल रही है जिसके लेकर एमवाई अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया। आरोप लगे कि डॉक्टरों ने बिना जांच-पड़ताल ही किशोर को मृत घोषित कर दिया। जबकि वह जिंदा है। इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने दोबारा से निजी अस्पताल में कैलाश की जांच करवाई। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया। 

परिजनों के आग्रह पर दोबारा हुई जांच

बता दें कि परिजनों को शुरुआती दौर में ऐसा लगा कि उनका अपना जिंदा है और उसकी सांस चल रही है। जिसको लेकर जमकर हंगामा खड़ा हुआ और अस्पताल पर लापरवाही के आरोप भी लगे। हालांकि इस मामले में अन्नपूर्णा थाना प्रभारी ने साफ किया है कि किशोर की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी थी लेकिन परिजनों के आग्रह पर दोबारा से निजी अस्पताल में शव की जांच कराई गई। जहां डॉक्टर ने दोबारा उसे मृत ही पाया।