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ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार, 573 मतदाताओं में से मात्र 5 लोगों ने किया मतदान

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Nov 29, 2018

दिनेश धारपुरी - सौसर मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत  जोबनी के अंर्तगत आनेवाले ग्राम रामुढाना नदी से लगा गांव लगभग 4 साल पहले बारिश से नदी में बाढ़ आने से रोड का कटाव हो गया था तब से अब तक गांव के ग्रामीणों ने न केवल क्षेत्रीय विधायक नाना भाऊ मोहोड़ को इस रोड के लिए गुहार लगाई अपितु जिले के दमदार सांसद कमलनाथ जी के दरबार मे  कई बार रोड की समस्या लेकर हाजरी लगाई इसी के साथ प्रसासन के आला अधिकारियों की टीम भी गांव के दर्शन कर कागजी कायवाही कर वापिस लौट आये।

रोजमर्रा की सुविधाओं से वंचित नागरिक

इस गांव के लोगो का रोड नदी के कटाव में बह जाने के बाद से मानो इन पर दुखो का पहाड़ से टूट गया। ग्राम में स्कूल, स्वास्थ्य, और रोजमर्रा की जिंदगी मानो थम सी गई। ग्रामीणों बताया कि स्कूल में शहर में पढ़ने वाले बच्चे रोड ना होने के कारण बारिस में स्कूल जाना ही छोड़ दिया वहीं स्वास्थ्य की बात करे तो यदि कोई गर्भवती महिला को प्रसव के लिए शहर ले जाना हो तो रस्ते में ही प्रसव हो जाता है, और कोई इस गांव में बीमार हो जाये तो उसे लाने लेजाने को कोई भी वाहन बारिश में नही आ पाता ऐसे में ग्रामीणों के हालात कैसे होंगे आप सोच सकते है वही रोजमर्रा की जिंदगी में खेती बाड़ी पर निर्भर लोग अपनी खेत मे  सब्जी भाजी उगाते है किंतु शहर तक पहुंचने के लिए रोड न् होने से ग्रामीणों को अपनी फसल को जानवरों को खिलाना पड़ रहा है।

ग्रामीणों के आनेजाने का रोड बन्द

वहीं रोड के बह जाने के बाद कुछ ग्रामीण जिनके खेत रोड से लगे थे ग्राम में आनेजाने को रास्ता अपने खेत से दे दिया है किंतु वे भी अपनी जमीन का मुवाजा शासन से चाहते है कि शाशन रोड बनाये किंतु उनको उनकी जमीन का मुवाज़ा दे, अन्यथा वे भी ग्रामीणों के आनेजाने का रोड बन्द कर देंगे। ऐसे में ग्रामीणों की सुरक्षा और  और उनके मूलभूत अधिकारों की जिम्मेदारी प्रसासन की है किंतु प्रशासन के आला अधिकारी 4 साल से अधिक समय हो जाने पर भी कुम्बकर्णीय नीद में है, साथ ही मंच से बड़ी बड़ी बातें हांकने वाले बड़े बड़े राजनेता क्या मात्र चुनाव के आते ही सक्रिय नजर आएंगे या इस प्रकार के मामले को लेकर भी सजग रहेंगे।