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जलआवर्धन योजना: तय समयसीमा में नहीं हुआ काम और हो गया लोकार्पण

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Apr 4, 2018

सरकार द्वारा यूआईडीएसएसएमटी योजनांतर्गत लगभग साढ़े 5 करोड़ की लागत की जल आवर्धन योजना को लेकर लगातार शिकायत का दौर जारी है। जीरन शहर के नागरिकों को फिल्टर पानी पिलाने की मंशा से तैयार की गई इस योजना में ठेकेदार द्वारा भारी लापरवाही किए जाने के आरोप लगाए जा रहे है। बताया जा रहा है कि लापरवाही की हद तो तब हो गई जब तय समयसीमा में कार्य पूर्ण नही करने के बाद भी लगभग तीन महीने पहले ही इस जलावर्धन योजना का लोकार्पण कर दिया गया है। जबकि नगर की कई गलियों में अब तक पाईप लाईन बिछाई जाने और सेंकडो नल कनेक्शन दिए जाने का काम बाकी है। 

जल आवर्धन योजना के नाम पर शहर की सड़को को खोदा
जल आवर्धन योजना के नाम पर जीरन शहर की सड़कों को खोद खोद कर रख दिया गया है जिसको दुरस्त करने के लिए ठेकेदार ने कई जगह तो अब तक काम भी शुरू नही किया है। वहीं कुछ सड़को को घटिया तरीके से दुरस्त किया गया है जिसका खामियाजा आम लोगो को उठाना पड़ रहा है। इधर इस मामले में सीएम हेल्पलाइन पर लगातार जल आवर्धन योजना की शिकायत की जा रही है। कभी पाइपलाइन को उचित गहराई पर नही डाले को लेकर शिकायत होती है तो कभी खोदी गई सड़को के घटिया पेंचवर्क को लेकर। 

योजना के नाम पर भारी भृष्टाचार
सीएम हेल्पलाइन पर दर्जनों बार शिकायत की जा चुकी है, इस मामले में शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस योजना के नाम पर भारी भृष्टाचार हुआ है। शिकायतकर्ता द्वारा अधिकारियों पर योजना मे गलत तरीके से काम करते हुए भृष्टाचार किए जाने के आरोप लगाये जा रहे है।कागजों में जलावर्धन योजना शुरु कर दी गई है लेकिन हकीकत यह है कि अब तक शहर में फिल्टर प्लांट से पानी का सप्लाई शुरू नहीं हो पाया है। 

अधिकारियों का क्या ​है कहना
इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि जल आवर्धन योजना में किसी भी प्रकार का कोई भृष्टाचार नही हुआ है। वे किसी भी जांच के लिए तैयार है। जल आवर्धन योजना के अंतर्गत फिल्टर प्लांट से पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जिस तालाब से पानी लिया जाना है फिलहाल उस तालाब में नगर का गंदा पानी जा रहा है जिसकी निकासी के लिए अन्य योजना के तहत सीवरेज लाइन डाले जाने का काम चल रहा है। 

योजना का लाभ नहीं मिलने से लोगो में आक्रोश
साढ़े पांच करोड़ की लागत से बनी फिल्टर पानी की इस योजना का लाभ नही मिलने से लोगों में काफी आक्रोश है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब जलावर्धन योजना का कार्य पूरा ही नही हुआ है तो तीन पहले ही इसे लोकार्पित क्यों कर दिया गया।