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नई सरकार के साथ जहां किसानों को कर्ज माफी से राहत मिलने वाली है वहीं बैंक आधिकारियों को मिल सकती है क्लीनचिट

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Dec 15, 2018

विनोद शर्मा - मध्य प्रदेश की नई सरकार के साथ जहां कर्ज माफी से किसानों को राहत मिलने वाली है तो वहीं कर्जमाफी की घोटालेबाज बैंक आधिकारियों को क्लीनचिट मिल सकती है ऐसा इसलिए क्योंकि ग्वालियर चंबल में कई किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से लोन निकाल लिए गए है ये राशि कोई छोटी मोटी नही है, बल्कि करोड़ो रूपए में है अकेले ग्वालियर जिले में 2000 से ज्यादा किसानों के नाम से फर्जी तरीके से 500 करोड़ से ज्यादा किसानों ने लोन निकाला है ऐसे में उनकी जांच तो चल रही है, लेकिन अपेक्स बैंक से जो लेटर सहकारी बैंकों को मिला है, उसमें बैंक के कर्मचारी उस राशि को शामिल करके अपना डाटा तैयार रहे है, जिन पर बैंक के कर्मचारी और आधिकारियों ने डाका डाला है।

सबसे बड़ा मुद्दा बना कर्जमाफी

मतगणना के परिणामों के बाद से अब तक सबसे ज्यादा चर्चा का कोई मुद्दा है तो वह किसानों की कर्ज माफी का है जिसको लेकर राजधानी में बैठे आधिकारियों ने मंथन के साथ-साथ होमवर्क भी शुरू कर दिया है भोपाल से मिले एक पत्र के बाद प्रदेश भर की सोसाइटी और बैंकों ने किसानों के कर्जे को इकजाई करना शुरू कर दिया है ऐसे में ग्वालियर चंबल संभाग के किसानों का 2500 करोड़ से ज्यादा कर्ज समाने निकालकर आया है जिसे लेने वाले किसानों की संख्या लाखों में है ऐसे में बीजेपी को लग रहा है कि ये कर्ज माफी कांग्रेस के लिए आसान नही है अगर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार किसानों का कर्ज माफ करती है, तो उसका वित्तीय खजाना तो खाली हो ही जाएंगा साथ ही प्रदेश की विकास की योजनाएं भी बांधित होगी।

33 लाख किसानों को होगा फायदा

सहकारिता विभाग के आंकाड़ों पर नजर डाले तो प्रदेश के लगभग 33 लाख किसानों को फायदा होगा इस काम में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भार सरकार के खजाने पर आएगा जिसमें किसानों के ऊपर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का 70 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज है इसमें 56 हजार करोड़ रुपए का कर्ज 41 लाख किसानों ने लिया है वहीं, लगभग 15 हजार करोड़ रुपए डूबत कर्ज (एनपीए) भी है इस बीच ग्वालियर संभाग के सहकारिता विभाग के समाने ये दिक्कत आ रही है उसकी कई बैंकों में किसानों के नाम पर फर्जी लोन के घोटाले ज्यादा संख्या में है लेकिन उसे सारा डाटा इकजाई करना है। जिसमें फौरी तौर पर किसानों को राहत एक दम से नही दी जा सकती है, क्योंकि कई घोटालों में सीधे तौर पर बैंक के कर्मचारी और आधिकारियों के साथ-साथ किसानों की भूमिका भी संदिग्ध है।

अगर ग्वालियर चंबल संभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो....

• ग्वालियर जिले में 1 लाख 3 हजार किसानों के ऊपर 1787 करोड़ रूपए का कर्ज है।

• शिवपुरी जिले में 26,000 किसानों पर 149 करोड़ से ज्यादा का कर्जा है। 

• श्योपुर जिले में 48,867 किसानों पर 144 करोड़ से ज्यादा का कर्जा है। 

• भिंड जिले में 38,000 किसानों पर 95 करोड़ से ज्यादा का कर्जा है। 

• दतिया जिले में 40,000 किसानों पर 200 करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। 

• मुरैना जिले में 65,000 किसानों पर 200 करोड़ से ज्यादा का करना है।

इनमें वो कर्ज भी शामिल है, जिसमें बैंक के कर्मचारियों और सोसाइटी ने मिलकर फर्जी तरीके से किसानों को कर्जदार बना दिया है।

कर्जमाफी के लिए बनाया गया फॉर्मूला

फिलहाल कर्जमाफी के लिए जिस फॉर्मूले पर मंथन हो रहा है, उसमें डूबत कर्ज को माफ करने के साथ नियमित कर्ज पर लगभग 25 हजार रुपए प्रोत्साहन दिए जाने पर विचार चल रहा है। इसमें किसानों द्वारा ट्रैक्टर, कुआं सहित अन्य उपकरणों के लिए कर्ज लिया गया है, तो उसे कर्जमाफी के दायरे में नहीं लिया जाएगा। सिर्फ खेती के लिए उठाए कर्ज पर माफी मिलेगी खेती के कर्ज में भी यदि किसान ने दो या तीन बैंक से कर्ज ले रखा है तो सिर्फ सहकारी बैंक का कर्ज माफ होगा। कर्ज माफी कुल दो लाख रुपए तक ही होगी इसके लिए पहले किसान को बकाया राशि बैंक को वापस लौटानी होगी।