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आंगनवाड़ी केंद्रों के हाल बेहाल, कार्यकर्ता नदारद, सहायिका नींद में, और बच्चे रोते रहे...

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Jun 21, 2019

अनिल डेहारिया : छिन्दवाड़ा जिले के ब्लॉक परासिया के ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों के हाल बेहाल है। आंगनबाड़ी केंद्रों के हालात देखकर ही लगता है कि बच्चों को पोषण आहार मिलना तो दूर की बात, यहां उनकी सुरक्षा पर सवाल उठ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में ताबड़तोड़ आंगनबाड़ी केंद्र खोले जा रहे हैं, लेकिन पोषण आहार ठीक से नहीं बांटा जा रहा। यह हाल तब हैं जब जिले को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।

सहायिका ने खोली प्रबंधन की पोल
बता दें कि परासिया महिला बाल विकास द्वारा पहाड़ी क्षेत्र की ग्राम पंचायत कोहका में तीन आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है। आंगनवाड़ी में नौनीहालों को सुबह का नाश्ता और सप्ताह भर मेनू के हिसाब से भोजन दिये जाने का प्रावधान है। लेकिन जब मीडिया कोहका स्थित सोमाढाना के आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 2 में लगभग 11 बजे पहुँचे, तो केंद्र का नजारा ही अलग था। छोटे बच्चे रो रहे थे और सहाईका सुरला बाई गहरी नींद में सो रही थी। कार्यकर्ता सुखिया भलावी आंगनबाड़ी से नदारद थी। जब सहाईका को नींद से उठाया गया तो बच्चों को मिलने वाले नास्ता और भोजन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि केंद्र में समूह द्वारा सुबह का नाश्ता ओर भोजन पहुंचाया जाता है। लेकिन समूह में आपसी फूट के कारण नौनीहालों को कुछ भी नहीं मिल रहा है। 

सुपरवाईजर ने आंगनबाड़ी की सहायिका पर कार्रवाई के दिए आदेश
आंगनवाडी में मिलने वाले भोजन और नास्ते के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की संख्या केंद्रों में अधिक रहती है। लेकिन सुबह से नास्ते और भोजन के अभाव में नन्हे बच्चों को भूखे रहना पड़ रहा है। आंगनबाड़ी की सुपर वाईजर कमलेश्वरी नरवरे से फोन पर जब इस बारे में चर्चा ​की गई तो गोलमोल जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों के भोजन की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। साथ ही सहायिका पर भी कार्रवाई करने की बात कही गई है।