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कैबिनेट मंत्री तोमर के सफाई अभियान से मचा सियासी बवाल

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Nov 5, 2019

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रद्धुमन सिंह तोमर का सफाई अभियान अब सियासी सवालों में घिरने लगा हैं विपक्ष ने निशाना साधते हुए इसे नौटंकी बताया है। तो वहीं प्रमुख सचिव ने मंत्री के सफाई अभियान का समर्थन कर विपक्ष पर निशाना साधा है। तो वहीं रेलवे स्टेशन की सफाई ना होने की दशा में अब मंत्री जी सायकल से पीएम मोदी के पास जाने की बात कह रहे हैं आखिर सफाई पर क्य़ो मचा है बवाल। देखिए रिपोर्ट....

जनता गंदगी से परेशान
ग्वालियर की जनता गंदगी से परेशान है। शहर को सफाई की दरकार है। कैबिनेट मंत्री प्रद्धुमन सिंह तोमर सप्ताहभर से सफाई का अभियान चला रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अमला बेफिक्र है। ऐसे में विपक्ष ने मंत्रीजी पर निशाना साधा है। बीजेपी सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि सत्ता में होने के बाद कैबिनेट मंत्री को नाले में उतरना पड़ रहा हैं ये उनकी नाकामी है, कांग्रेस के मंत्री अपने अफसरों से काम नही करवा पा रहे हैं। मंत्री जी की नौटंकी से ग्वालियर स्वच्छ होने वाला नही है।

नाले को साफ करने के लिए गंदगी में उतरे मंत्री 
मंत्री प्रद्धुमन सिंह तोमर इलाके में जाकर नाली में कूदकर सफाई करते हैं, तो कभी बड़ा फावड़ा लेकर नाले को साफ करने के लिए कमर तक गंदगी में उतर जाते हैं। मंत्री जी के सफाई अभियान के चलते नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय़ दुबे ने भी ग्वालियर नगर निगम के अफसरों की जमकर फटकार भी लगा दी। लेकिन पीएस ने मंत्री जी के सफाई अभियान की तारीफ की और मंत्री जी के अभियान पर सवाल उठाने वालों को गलत बताया। उन्होनें कहा जब हम गंदगी कर रहे है।, तो साफ कोई और क्यों करेगा।

ग्वालियर को स्वच्छ बनाना है..
पीएस ने मंत्री के अभियान की तारीफ की तो मंत्री जी ने सभी को सफाई करने के लिए न्यौता दे दिया। लगे हाथ मंत्री जी ने ये भी कह दिया कि रेलवे स्टेशन साफ नहीं हुआ तो वो आम नागरिक के तौर पर सायकल से डीआरएम के पास जाएंगे और डीआरएम नहीं सुनेंगे तो रेलमंत्री और प्रधानमंत्री के पास सायकल से शिकायत करने जाएंगे। क्योंकि उन्होंने ठाना है ग्वालियर को स्वच्छ बनाना है।

सफाई पर बहस छिड़ी 
वैसे अभी तक आपने स्वच्छ भारत अभियान के तहत नेताओं को झाड़ू लगाते खूब देखा है लेकिन मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के एक मंत्री प्रद्धुमन सिंह तोमर इससे एक कदम आगे बढ़ें है। मंत्री का ये अभियान एक महीने चलने वाला है। वे इस दौरान जिस भी जिले में रहेगें उस शहर की सड़कों पर झाड़ू, नाली और नालों की सफाई करेंगें। बहरहाल देश भर में इन दिनों वैसे भी नालों और सीवर की इंसानों द्वारा सफाई पर बहस छिड़ी हुई है। मंत्री के इस कदम से आम धारणा यही बन रही है कि सरकारी विभाग ठीक से काम नहीं कर रहा है। इसलिए मंत्री को खुद नालियों और नालों में उतर सफाई करनी पड़ रही है।