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एमपी में लेटर पॉलीटिक्स : मुख्यमंत्री कमलनाथ के वार पर शिवराज का पलटवार

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May 23, 2019

इस समय प्रदेश की राजनीति में चल रही लेटर पॉलिटिक्स को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगे बढ़ाते हुए अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजा है। जी हाँ, सीएम कमलनाथ ने अपने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि आप राजनीतिक मजबूरी के कारण सार्वजनिक रूप से कर्जमाफी की सच्चाई स्वीकार नहीं कर सके, मगर अब मतदान समाप्त हो गए हैं। वहीं आगे उन्होंने लिखा है उम्मीद है कि अब आप कर्जमाफी की सच्चाई को स्वीकार कर सकेंगे। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने 21 लाख किसानों का कर्ज माफ होने का दावा करते हुए कहा है कि आचार संहिता हटने के बाद बचे हुए किसानों के भी कर्ज माफ होंगे। यह किसान हितैषी सरकार का वचन है।

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को भी लिखा पत्र
वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कल शाम को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को भी पत्र लिखा था। इसके बाद आज उन्होंने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर किसान कर्जमाफी की हकीकत बताई है। जी हाँ, आप सभी को बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होते ही प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों पत्र वॉर छिड़ा हुआ है। अंतिम चरण का मतदान होने के तत्काल बाद ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पूर्व राज्यपाल आनंदी बेन को पत्र लिखकर विशेष सत्र की मांग की थी। ऐसे में सीएम ने मंगलवार शाम ही नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखा है और उसके बाद सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री चौहान को किसान कर्ज माफी को लेकर पत्र भेजा है। वहीं सीएम ने अपने पत्र में लिखा है कि 22 फरवरी 2019 से हमने कर्ज माफी के प्रमाण पत्र किसान भाईयों को बांटना प्रारंभ किए जिसके तहत 10 मार्च को आचार संहिता लगने के पूर्व तक हमने करीब 21 लाख किसानों के कर्ज माफ किए। आचार संहिता के दौरान हमने जिन क्षेत्रों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। वहां के 4.83 लाख किसानों के खाते में कर्जमाफी की राशि डालने की चुनाव आयोग से अनुमति मांगी। अनुमति मिलते ही हमने उन किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है। आचार संहिता समाप्त होते ही हम कर्ज माफी की इस प्रक्रिया को वापस प्रारंभ कर शेष बचे किसानों के भी कर्ज माफ करेंगे ओर यह हमारा चुनावी वादा था चुनावी घोषणा नहीं थी। यह हमारा वचन है, जिसे हम हर हाल में पूरा करेंगे। प्रदेश की आर्थिक स्थिति डांवाडोल होने के बाद भी आचार संहिता लगने के पूर्व प्रदेश के करीब 21 लाख किसानों के दो लाख तक के फसल ऋण माफ कर दिए। महाराष्ट्र और यूपी की भाजपा सरकार कर्जमाफी पर जो कार्य तीन साल में भी नहीं कर पाई है, उसे 3 माह से कम समय में मप्र की कांग्रेस सरकार ने कर दिखाया है।

सीएम कमलनाथ ने शिवराज को भेजा पत्र
इसी के साथ अपने पत्र के अंत में सीएम ने लिखा है कि अब चूंकि चुनाव समाप्त हो चुके हैं और क्या अब आपसे उम्मीद कर सकता हूं कि अब आप कर्ज माफी की इस सच्चाई को स्वीकार करेंगे। उन्होंने अपनी सरकार को किसान हितैषी बताते हुए लिखा है कि सरकार ने अपना वादा निभाया है। इसी के साथ सीएम कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान से सहयोग और शुभकामनाओं की उम्मीद भी की है। वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ के पत्र पर बयान देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने बयान देते हुए कहा, दस दिन में क़र्ज़ माफ करने वाले कहां गए। किसानों के साथ धोखा हुआ। पहले बोला सब किसानों का क़र्ज़ माफ होगा अब बोलने लगे अल्पकालीन फसली ऋण माफ होगा, कर्ज माफ कहां से हो गया।

किसानों के साथ धोखा हुआ है छल हुआ है
कमलनाथ जी जनता के बीच जाओ, किसानों के पास जाओ मिलो। शिवराज ने एक बार फिर कहा, कर्ज माफी नहीं हुई है। सब किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। किसानों के साथ धोखा हुआ है छल हुआ है। सीएम पत्र भेज रहे में किसान लेकर जाऊंगा। किसान खुद कहेंगे कर्ज माफ नहीं हुआ। परिणाम बताएंगे कि कौन सच्चा है।