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डबरा और भितरवार अनुविभाग में बडे पैमाने पर हो रहा रेत का अवैध उत्खनन

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Aug 12, 2019

धर्मेंद्र शर्मा : ग्वालियर के डबरा और भितरवार अनुविभाग में बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खन्न जारी है। भितरवार में लुहारी घाट से बड़े स्तर पर उत्खनन जारी है। जबकि सबसे बड़ी बात यह है कि यह उत्खनन प्रदेश के पशु पालन मंत्री लाखन सिंह यादव के विधानसभा क्षेत्र में आता है, लुहारी घाट का काफ़ी नाम है मार्केट में यहाँ की रेत तुरंत ही बिक जाती है वहीं यदि बात डबरा अनुविभाग की करे तो यहाँ भी रेत का कारोबार खूब फलफूल रहा है जबकि यह क्षेत्र महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी की विधानसभा क्षेत्र में आता है। प्रदेश के दो कैबिनेट मंत्रियों की विधानसभा क्षेत्र में चल रहे इस रेत के काले कारोबार पर प्रशासन कार्यवाही की बाते तो करता है लेकिन जो तस्वीरों में कैद है वह वास्तविकता को बयां कर रहा है।

खनन का काम बंद
इस समय एनजीटी की रोक है और सारी जगह खनन का काम बंद हो जाता है सबसे बड़ी खास बात यह है,कि दोनो ही अनुबिभाग में कोई भी बैध खदान नहीं है और यह लोग नेताओं के दम पर अधिकारियों को सुबिधा शुल्क देकर रेत का काला कारोबार कर रहे है, यह लोग एक टोकन काटते है जो एक तरह से गैट पास होता है यदि कोई डमफ़र या ट्रैक्टर चालक इस टोकन को नहीं कटाता तो रेत माफ़ियाओं से पैसा लेने बाले अधिकारी उस बाहन को जप्त कर थाने या तहसील में रखबा देते है। इस पूरे खेल में नायब तहसीलदार ,तहसीलदार,एसडीएम,थाना प्रभारी एसपी और कलेक्टर सब शामिल से नजर आते है। दोनो ही अनुविभाग क्षेत्र के रायपुर,चाँदपुर,बाबूपुर,कैथोदा और लिधोरा घाट और गिजौर्रा थाना क्षेत्र से अवैध उत्खनन जारी है, लेकिन इन सबके बाद भी जिला प्रशासन का कहना है की कार्रवाई लगातार की जा रही है।

डबरा और भितरवार क्षेत्र में हो चुकी हैं कई हत्याएं
पहले यहा शिवा कार्पोरेशन द्वारा काम किया जाता है और रेत के इसी काले खेल के चलते डबरा और भितरवार क्षेत्र में कई हत्याएं भी हो चुकी है। हर रोज राजस्व की हानि होती है। आए दिन रेत के काले कारोबार मैं गैंगवार की स्थिति और कमलनाथ सरकार के दोनों मंत्रियों द्वारा रेत के अवैध उत्खनन पर क्षेत्र में पूरी तरह से रोक का दावा और जिला प्रशासन की कार्यवाही किए जाने के आंकड़े के बावजूद भी हकीकत इसके परे है। बहरहाल नेता मंत्रियों और स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में फल फूल रहे रेत के इस काले कारोबार पर रोक लगा पाना नाकाम साबित हो रहा है।