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नहर निर्माण में करोड़ों का घोटाला, ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त करने की मांग

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Jun 24, 2018

बाड़ी बारना परियोजना के अंतर्गत बरेली के नजदीक ग्राम खैरी के एम 1-माइनर पर गुजरात के ठेकेदार पार्थ और मुकेश द्वारा इतना घटिया स्तर का कार्य करवाया जा रहा है कि लात मारने से सीसी निर्माण राख की तरह ढह रहा है करोड़ों की लागत से बन रही यह नहर एक बरसात तक भी नहीं टिक पायेगी। जिससे ग्राम के उन किसानों में जो कि इस नहर के पानी से अपनी फसल को सिंचित करने का सपना देख रहे हैं उनमें आक्रोश और चिंता है ग्राम के किसान ठेकेदार का लाइसेंस निरस्त कर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।

बता दें बाड़ी बारना बांध जलाशय से निकली नहरों के बिस्तारिकरण की बकतरा cm के गृह क्षेत्र बरेली, बाड़ी, खरगोन तक फैली इन नहरों और माइनरों का काम तकरीबन 600 करोड़ का काम चल रहा है लेकिन सिंचाई बिभाग की मिलीभगत से घटिया निर्माण चल रहा है लोगो ने इसकी शिकायत भी की लेकिन सरकारी तंत्र में सारी शिकायते धरी रह गयी जब हमने बरेली के पास निर्माणधीन सब माइनर देखे तो देखते रह गए ऐसा लगता है इन कुलापो मे सीमेन्ट की जगह राख मिला दी हो।

600 करोड़ के इन ठेकों में अधिकांश निर्माण एजेंसी गुजरात की है बीते 1 साल से इन नहरों पर काम चल रहा है लेकिन इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक इस भ्रष्ट तंत्र में शामिल है ऐसा लगता है नही तो क्या बजह है जो इतना घटिया निर्माण चल रहा है और अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधे बैठे है , मप्र सरकार को कृषि कर्मण अवार्ड दिलवाने की वजह अच्छी सिंचाई मानी जा रही है इसलिए ही मप्र सरकार ने नहरों के जीर्णोद्धार के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए है अब देखना है सरकार के नुमाइंदे कितना इस पर अंकुश लगाते है।

दिनेश तोमर sdm बरेली 
आपके द्वारा संज्ञान में आया है में इस मामले को दिखवाता हुं।

साइड इंचार्ज 
हमारी तरफ से बढ़िया कार्य करवाया जा रहा है हम 1-3-5 का माल डाल रहे हैं या तो तेज धूप के कारण निर्माण ढह रहा है  और पशु भैंस पानी पीने आ जाते हैं जिससे बजन में भी नहर क्षतिग्रस्त हो रही है

रुद्रपाल सिंह राजपूत ग्रामीण किसान
नहर निर्माण में घटिया किस्म के माल का उपयोग किया जा रहा है मिट्टी पीली नहीं डाली जा रही है पनी भी घटिया किस्म की है पैर मारने से सीसी निर्माण धशक रहा है हमने इसकी शिकायत SDM को की है और कलेक्टर को भी हम ग्रामीण लोकायुक्त में भी जाएंगे।

हरिनारायण शर्मा ग्रामीण किसान 
शासन ने जो नहर बनवाई है इसमें घटिया किस्म के माल का उपयोग किया जा रहा है यह साल भर भी नहीं टिक पायेगी और नहर का निर्माण खेतों से नीचे किया गया है पानी चढ़ाने के लिए साधन का उपयोग करना पड़ेगा जिससे किसानों की लागत बढ़ेगी।