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सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का मनमाना रवैया, बच्चों को सिखा रहे अभद्रता का ज्ञान

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Aug 23, 2019

गिर्राज बौहरे : सब पढ़े सब बढ़े, पढ़ेगा इण्डिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया जैसे नारे जहां भी नजर घुमाएंगे वहीं आपको देखने को मिल जायेंगे। लेकिन शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए इन नारों से कही ज्यादा शिक्षकों में सुधार की जरूरत है। ऐसा हम इसलिए कह रहा है क्योंकि न जाने कितने ही ऐसे सरकारी स्कूल हैं जहां कई शिक्षक स्कूल ही नही पहुंचते जो पहुंचते भी है वो भी लेट और जब इन शिक्षकों से देरी से आने की वजह पूछी जाती है तो अक्सर वे अभद्रता पर आमदा हो जाते हैं।

कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक समय पर नहीं दे रहे ध्यान
देखा जाए तो मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए तरह तरह के प्रयास कर रही है। लेकिन कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक पढ़ाई से ज्यादा अपने समय पर ध्यान देते है। और अगर कोई उनसे सवाल करे तो अभद्रता करने लगते हैं ऐसे ही हाल इन दिनों भिंड के पुरानी बस्ती के शासकीय माध्यमिक विद्यालय में बने हैं। जहां करीब 200 से ज्यादा बच्चों के स्कूल में प्रिंसिपल समेत 10 टीचर पदस्थ है लेकिन इक्का दुक्का शिक्षक के अलावा कोई समय पर नही पहुंचता। कोई 30 मिनट तो कोई 2-2 घंटे देरी से आते हैं। ऐसे में नोनिहालों को शिक्षक के आने तक पढ़ाई के लिए इंतज़ार करना पड़ता है।

मीडिया की पड़ताल
स्थानीय पत्रकार भी शिक्षकों के समय से पहुंचने का पता लगाने सुबह सवा दस बजकर तीस मिनट पर पुरानी बस्ती शासकीय स्कूल पहुचा तो स्कूल में हेडमास्टर और बच्चों के सिवा कोई नही था करीब 11 बजे प्रेयर के बीच दो शिक्षक पहुचे। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने बताया कि टीचर अक्सर ऐसे ही देरी से आते हैं और उनके आने के बाद ही पढ़ाई शुरू हो पाती है।शिक्षकों के इस लापरवाह रवैये को लेकर स्कूल के हेडमास्टर भी दुखी हैं उनका कहना है कि वे कई बार समय पर आने को लेकर समझाइश दे चुके हैं लेकिन कोई सुनता ही नही तो क्या करें।

शिक्षक का व्यवहार अभद्रतापूर्ण
जब मीडियाकर्मी बच्चों से बात कर रहे थे इसी बीच करीब 11.30 बजे शिक्षक तोमर सर क्लासरूम में आये जब उनसे देर से आने की वजह पूछी गई तो वे अभद्रता करते हुए बोले के इंग्लैंड में था और कहते हुए अचानक मीडियाकर्मी का मोबाइल कैमरा छीन लिया और धमकाने लगे। हालांकि बाद में साथी पत्रकार के कैमरे में यथास्थिति रिकॉर्ड होती देख मोबाइल लौटा दिया। लेकिन ये अपने आप मे सोचने वाली बात है कि जब एक शिक्षक का ही व्यवहार अभद्रतापूर्ण हो तो बच्चों को कैसी तालीम मिलेगी। 

शिक्षकों के देरी से पहुंचने की मिल रहीं शिकायतें
मामले को लेकर जब कलेक्टर को जानकारी दी गई तो कलेक्टर छोटे सिंह ने भी माना कि लगातार शिक्षकों के देरी से पहुंचने की शिकायतें मिल रही हैं जिन पर अब कड़ी कार्रवाई का मन बना लिया है वही अभद्रता करने वाले शिक्षक पर भी जांच कर कार्रवाई कराने की बात कही।

शिक्षा का स्तर सुधरने के बजाय गिर रहा..
सरकार के शिक्षा का सुधारने के प्रयास विफल होते नज़र आ रहे हैं प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा ले रहे करीब तीन चौथाई बच्चे कुछ सीख नहीं रहे हैं। ये बच्चे स्कूल तो जाते हैं, लेकिन या तो उन स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं होते, या फिर शिक्षक को इस बात की परवाह नहीं होती कि बच्चे कुछ सीख-समझ भी रहे हैं या नहीं। और रही सही कसर पुरानी बस्ती स्कूल के तोमर सर जैसे शिक्षक पूरी कर रहे हैं। क्योंकि अगर ऐसे टीचर बच्चों को पढ़ाएंगे तो वे क्या सीख रहे होंगे ये सब बेहतर समझ सकते हैं। अब ऐसे में जिला कलेक्टर का आश्वासन और कार्रवाई की बात कितनी अमल होती है यह देखने वाली बात होगी।