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ग्वालियर को चंबल नदी से नहीं मिलेगा पानी, वन विभाग ने लगाई आपत्ति..

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Oct 19, 2019

विनोद शर्मा : ग्वालियर को चंबल नदी से पानी दिए जाने पर वन विभाग ने आपत्ति लगा दी है। वन विभाग का कहना है कि जरूरत के हिसाब से नदी में पानी का बहाव अभी भी कम है। ऐसे में यदि इसमें से और पानी लिया जाता है तो पानी कम होने पर चंबल सेंचुरी में घड़ियाल व डॉल्फिन मर जाएंगे। 

मामले का दूसरा पहलू...
बता दें की वन विभाग पहले ही इस मामले में एनओसी अटकाए हुआ था। हालांकि मामले का दूसरा पहलू ये भी है कि वन विभाग जितना पानी नदी में होने पर इन जीवों के सुरक्षित रहने का दावा कर रहा है उतना पानी तो नदी में अभी भी नहीं बहता और उसी बहाव में से राजस्थान भी कई क्षेत्रों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी सप्लाई ले रहा है। 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड बहाव तो कभी होता ही नहीं।

वन विभाग अधिकारियों के मुताबिक
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चंबल नदी में पानी का बहाव 68 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड है, जो कि कम है क्योंकि, 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड से कम बहाव पर घड़ियाल और डॉल्फिन मर जाएंगे। जबकि न तो सामान्य तौर पर नदी का बहाव 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड होता है और न अभी है। फिर भी राजस्थान अपने कोटा, करौली समेत अन्य क्षेत्रों के लिए पर्याप्त पानी ले रहा है। ग्वालियर के लिए 1.75 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड बहाव के पानी की जरूरत है। अप्रैल, मई व जून के दौरान नदी में पानी का स्तर कुछ कम रहता है तो इससे पहले और इसके बाद तिघरा को भरा जा सकता है। इन महीनों में ग्वालियर के लिए पानी नहीं लेकर भी चंबल से पानी लाने का विकल्प खुला रह सकता है। इस आपत्ति के बारे में कलेक्टर ने जनप्रतिनिधियों को अवगत करा दिया है जिसपर मंत्री प्रद्युम्न सिंह का कहना है कि मामले को लेकर बात करेंगे और प्रयास करेंगे की चंबल से ग्वालियर को पानी मिल सके।