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नगरीय निकायों में लगातार बढ़ रहे घोटाले,  सीवेज ट्रींटमेंट प्लांट पर मचा बवाल

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Jun 22, 2019

विनोद शर्मा :  सूबे में कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी नगरीय निकायों में घोटाले रूकने का नाम नही ले रहे है। ताजा मामला ग्वालियर नगर निगम से जुडा हुआ है। जहां पौने दो करोड़ रूपए की राशि खर्च करके जो सीवेज ट्रींटमेंट प्लांट लगाया गया था। उसने काम करना बंद कर दिया है। जिसको लेकर निगम का विपक्ष आक्रामक हो गया है। वह कह रहा है कि बीजेपी के तत्कालीन मेयर ने कुछ लोगों को फायदा पहुंचने के लिए घटिया क्वालिटी का प्लांट लगावा दिया है। तो वहीं निगम का कहना है कि टेक्निकल फॉल्ट के कारण प्लांट खराब है। जिसको लेकर प्लांट लगाने वाली कंपनी को नोटिस दिया जा रहा है।

ग्वालियर के जल विहार और बैजाताल में बोटिंग के लिए फूलबाग परिसर में लगाए गए 1.77 करोड़ का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट शहर के लिए बेकार साबित हो रहा है। 10 लाख लीटर पानी इस प्लांट से साफ कर जल विहार में छोड़कर बोटिंग कराई जानी थी। अब प्लांट पानी को ट्रीट नहीं कर पा रहा है और न ही इसकी बदबू जा रही है। इसलिए बैजाताल व जल विहार को इससे नहीं भरा जा रहा है। जिसको लेकर विपक्ष निगम का घेर रहा है। साथ ही कह रहा है कि वह इस मामले की शिकायत कमलनाथ सरकार और नगरीय प्रशासन के पीएस से करेगें।

वैसे ग्वालियर के जल विहार और बैजाताल के सौंदर्यीकरण पर अलग.अलग बजट से पांच करोड़ रुपए से अधिक राशि व्यय हो चुकी है। यहां सैलानियों के लिए बोटिंग से लेकर फूड व मनोरंजन की सुविधा शुरू होना है। जनवरी 2018 में इटैलियन गार्डन परिसर के पीछे नगर निगम द्वारा 10 लाख लीटर प्रतिदिन फिल्ट्रेशन क्षमता वाला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया। 19 जनवरी 2019 को इसका उद्घाटन किया गया। प्लांट की शुरूआत के समय पहली बार तीन लाख लीटर पानी भरा गया। उसी दौरान प्लांट में कचरा जमा हो गया और काम रुक गया। कुछ समय बाद प्लांट को दोबारा शुरू किया गया, लेकिन साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। अब नगर निगम के अफसर कागजी दांव.पेंच में उलझाकर पांच साल का गारंटी पीरियड पास करा रहे हैं। 

एक नजर में प्लांट की स्थिति 
ऽ19 जनवरी को एसटीपी का लोकार्पण महापौर विवेक शेजवलकर ने किया था। 
ऽ1 एमएलडी का प्लांट स्थापित करने में 1 करोड़ 47 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। 
ऽ हर दिन 10 लाख लीटर सीवर का पानी फिल्टर करना था। 
ऽ दावा था कि फिल्टर पानी बोट क्लब में भरकर नाव चलाई जाएगी। 
ऽ एक बार बोट क्लब में पानी भरने के बाद भी प्लांट चालू रहेगा जिसका फिल्टर पानी नगर निगम के बगीचे सींचने के काम आएगा। 

लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ है अब हालत ये है कि फिर से बोट क्लब में गंदा पानी भरने लगा है। ऐसे में सवाल ये खड़ा हो रहा है जब निगम के सबसे छोटे सीवेज प्लांट के ये हालत है तो फिर 4 जो बड़े सीवेज प्लांट लगने वाले उनका हर्ष क्या होगा।