Oct 31, 2025
बाल विवाह मुक्त एमपी की दिशा में ऐतिहासिक कदम
मध्यप्रदेश सरकार ने देव उठनी एकादशी के पावन अवसर पर बाल विवाह रोकने के लिए全省 स्तर पर व्यापक जागरूकता और निगरानी अभियान शुरू किया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के नेतृत्व में यह पहल 'बाल विवाह मुक्त मध्यप्रदेश' मिशन को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। शादियों के सीजन में बाल विवाह की बढ़ती आशंका को देखते हुए हर जिले में विशेष टीमें गठित की गई हैं, ताकि कोई भी बच्ची कम उम्र में विवाह के बोझ तले अपने बचपन और सपनों को न खोए। यह अभियान समाज को जागरूक करने के साथ-साथ त्वरित कार्रवाई पर जोर देता है, जिससे प्रदेश बाल विवाह जैसी कुप्रथा से मुक्त हो सके।
जागरूकता अभियान की शुरुआत
देव उठनी एकादशी से शादियों का मौसम शुरू होने पर बाल विवाह की घटनाएं बढ़ने की संभावना को ध्यान में रखते हुए राज्यभर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। गांव-गांव में लोगों को बताया जा रहा है कि कम उम्र में विवाह बच्चियों की शिक्षा बाधित करता है, स्वास्थ्य जोखिम बढ़ाता है और मातृ-शिशु मृत्यु दर को प्रभावित करता है। मंत्री निर्मला भूरिया ने 강조 किया कि बाल विवाह न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक विकास को अवरुद्ध करता है।
निगरानी और कार्रवाई की व्यवस्था
हर जिले में निगरानी दल, 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम और उड़न दस्ते तैनात किए गए हैं। ग्राम तथा वार्ड स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा बहनें, शिक्षक, स्वसहायता समूह और पंचायत प्रतिनिधि शामिल टीम्स बाल विवाह की सूचना तुरंत बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को पहुंचाएंगी। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि किसी भी संदिग्ध मामले में फौरन हस्तक्षेप हो।
समाज की भागीदारी जरूरी
मंत्री भूरिया का संदेश स्पष्ट है कि बाल विवाह रोकने में सरकार अकेली नहीं, बल्कि समाज, परिवार और समुदाय को साथ आना होगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि हर बालिका अपने सपनों को पूरा करे और बचपन से वंचित न हो।” यह अभियान सामूहिक प्रयासों से कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने पर केंद्रित है।
हेल्पलाइन और राष्ट्रीय लक्ष्य
लोगों को सहायता के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, महिला हेल्पलाइन 181 और बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल (stopchildmarriage.wcd.gov.in) की जानकारी दी जा रही है। केंद्र सरकार का 2030 तक देश को पूरी तरह बाल विवाह मुक्त बनाने का संकल्प इस राज्य स्तरीय अभियान से मजबूती पा रहा है।
भविष्य की ओर आशा
यह अभियान न केवल वर्तमान में बाल विवाह रोकता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य प्रदान करता है। मध्यप्रदेश की यह पहल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन सकती है, जहां शिक्षा, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण पर फोकस बालिकाओं के जीवन को बदल रहा है।







