Loading...
अभी-अभी:

Jabalpur: शहर में स्क्रब टाइफस बिमारी ने दी दस्तक, अब तक छह मरीज मिलें, जाने क्या है ये बिमारी

image

Aug 18, 2022

जबलपुर: जिले में स्क्रब टाइफस बीमारी ने फिर दस्तक दे दी है। अस्पतालों के उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों की रेंडम जांच में छह मरीजों में स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई है। आइसीएमआर एनआइआरटीएच से जारी रिपोर्ट के अनुसार हरदुआकला निवासी सात साल की बालिका, बेलबाग निवासी नौ साल की बालिका, चौकीताल निवासी नौ साल का बालक, सलैयाखुर्द निवासी 26 वर्षीय युवती, शहपुरा भिटौनी निवासी 18 वर्षीय युवती, सिहोरा निवासी 40 वर्षीय पुरुष शामिल हैं।

क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं एवं प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. संजय मिश्रा ने कहा कि स्क्रब टाइफस के मरीजों की सेहत पर नजर रखी जा रही है। सामने आए मरीजों के घर के सदस्यों तथा आसपास के रहवासियों के सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान बुखार व अन्य संभावित लक्षण वाले मरीजों के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे जाएंगे।

क्या है स्क्रब टाइफस 
यूएस सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के अनुसार स्क्रब टाइफस बीमारी ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी बैक्टीरिया (Orientia Tsutsugamushi) के कारण होती है। इंसानों में यह बीमारी संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से फैलता है. इसे बुश टाइफस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक वेक्टर जनित बीमारी है। यह समय के साथ सेंट्रल नर्वस सिस्टम, कार्डियो वस्कुलर सिस्टम, गुर्दे, सांस से जुड़ी और गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल सिस्टम को प्रभावित करता है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।

बिमारी के लक्षण
-अगर किसी को संक्रमित कीट काटता है तो दस दिन के भीतर इसके लक्षण दिखने लगते हैं।

-बुखार और ठंड लगने के साथ सिरदर्द, शरीर और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्या।

-कीट ने जहां काटा है, वहां स्किन का रंग गहरा हो जाता है और वहां स्किन पर पपड़ी पड़ सकती है।

-स्किन पर चकत्ते भी नजर आ सकते हैं।

-रोग की गंभीर स्थिति में भ्रम, कोमा, अंगों के खराब होने और रक्तस्राव जैसे परेशानी हो सकती है।