Mar 10, 2019
2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अब आचार संहिता किसी भी समय लग सकती है किन्तु उसके ऐन पहले मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने बड़ा कार्ड खेला है। मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया गया है। कैबिनेट से पास होने के बाद गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने भी इसे अनुमति दे दी है।
मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव पारित
उल्लेखनीय है कि 6 मार्च को सीएम कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को पारित किया गया था कि मध्यप्रदेश में ओबीसी के लिए जो 14 प्रतिशत आरक्षण लागू है उसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जाए। इसे कांग्रेस का ट्रम्प कार्ड इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि मध्यप्रदेश में ओबीसी की आबादी लगभग 49 फीसदी है और ऐसे में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में इसका लाभ मिलने की संभावना अधिक है।
ओबीसी के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढाकर 27 प्रतिशत
ओबीसी के लिए आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढाकर 27 प्रतिशत करने में तो कमलनाथ सरकार ने बेहद फुर्ती दिखाई लेकिन मोदी सरकार के सवर्ण समुदाय के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण अभी तक मध्यप्रदेश में लागू नहीं किया गया है। कमलनाथ सरकार ने इसके लिए एक कमिटी बना दी है जो इसका अध्ययन कर इसकी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी किन्तु तब तक आचार संहिता लागू हो जाएगी और मध्यप्रदेश में मोदी सरकार की तरफ से सवर्ण समुदाय के गरीब लोगों को दिए 10 फीसदी आरक्षण का फायदा मध्यप्रदेश के गरीब सामान्य वर्ग के लोगों को नहीं मिल पाएगा।