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मंडला में कुदरत का ऐसा करिश्मा, एक तरफ जलसंकट से जूझ रहे हैं लोग तो दूसरी तरफ लाखों लीटर पानी हो रहा बर्बाद

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Jun 24, 2019

अमित चौरसिया : एक तरफ मंडला सहित प्रदेश के कई इलाकों में भीषण जलसंकट के हालात बने हुए हैं। मंडला जिले में ही कुछ लोग पानी के लिए जान की बाजी तक लगा रहे। वहीं जिले में ही कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां कुदरत इस कद्र मेहरबान है कि बोर से दिन रात कुदरती तौर से अनवरत पानी निकल रहा है। शासन स्तर पर किसी भी प्रकार के इंतजाम न किए जाने की वजह से रोजाना लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है देखिए इस रिपोर्ट में...

गंदा पानी पीने को मजबूर हुए ग्रामीण
मंडला जिले में एक जगह पर लोग पानी के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे है तो कई गांव के लोग झिरिया का गंदा पानी पीने को मजबूर है। वहीं दूसरी जगह मंड़ला जिले के घुघरी विकासखंड के देवहारा औरबम्हनी गांव में जहां कुदरत इस कद्र मेहरबान है कि बिना कनेक्शन वाले बोर से दिन रात कुदरती तौर से अनवरत पानी निकल रहा है। दोनों ऐसे नलकूप हैं जिसमें से पिछले 20 साल से अनवरत कुदरती रूप से पानी निकलने का सिलसिला जारी है। भीषण जल संकट के बीच यह हैंडपंप गांव के हजारों लोगों की प्यास तो बुझा रहा है। 

प्रशासनिक तौर पर पानी को सहेजने के इतंजाम नहीं
मगर हैरत की बात तो यह है कि इस बेशक़ीमती पानी को सहेजने के लिए शासन स्तर पर किसी भी प्रकार के इंतजाम न किए जाने की वजह से रोजाना लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। ग्रामीणों की मानें तो वो नलकूप एवं बोर से निकलने वाले पानी को संरक्षित और सहेजने के लिये अनेकों बार शासन प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन जवाबदेह अधिकारियों की अकर्मण्यता के कारण कई सालों से बेशकीमती पानी व्यर्थ में बहकर बर्बाद हो रहा है।

जिला कलेक्टर ने पानी को सहेजने की कही बात
वही जब इस पूरे मामले की जानकारी जिला कलेक्टर को दी गई तो उन्होंने इस पानी को सहेजने की बात की है। दोनो नलकूपों से रोजाना ही लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। अगर शासन स्तर से इसको सहजने के लिए कुछ किया जाता तो उन गांवों की समस्या दूर हो जाती जहां पानी के लिए लोगों को जान की बाजी लगानी पड़ती है।