Sep 15, 2025
मुरैना में खाद वितरण पर किसानों के बीच चले लाठी-डंडों बचा बवाल
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में खाद वितरण के दौरान किसानों के बीच विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। लाइन में खड़े होने को लेकर शुरू हुआ झगड़ा लाठी-डंडों की मारपीट में बदल गया। यह घटना 9 अक्टूबर 2024 को कृषि उपज मंडी के गोदाम पर हुई, जहां डीएपी खाद की कमी से किसान आक्रोशित हो गए। प्रशासन ने हस्तक्षेप कर स्थिति संभाली, लेकिन अब अपडेट के अनुसार, कई किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
घटना का विवरण
मुरैना में सरसों और गेहूं की बुवाई के मौसम में डीएपी खाद की भारी मांग है, लेकिन उपलब्धता कम होने से किसान तड़के से लाइन में लग रहे थे। बुधवार को सैकड़ों किसान गोदाम में घुस पड़े और जबरन खाद के बोरों को उठाने लगे। हंगामा बढ़ने पर कर्मचारी शटर बंद कर भाग गए। किसानों के बीच लाइन तोड़ने को लेकर विवाद हुआ, जिसमें लाठी-डंडे चले। एसडीएम भूपेंद्र सिंह, तहसीलदार कुलदीप दुबे और पुलिस फोर्स ने मौके पर पहुंचकर किसानों को बाहर निकाला। कई किसान घायल हुए, लेकिन कोई गंभीर चोट की खबर नहीं। प्रशासन का दावा है कि खाद पर्याप्त है, लेकिन वितरण व्यवस्था में खामी के कारण बवाल हुआ।
मुकदमे दर्ज और प्रशासनिक कार्रवाई
घटना के एक महीने बाद, 15 सितंबर 2025 तक अपडेट के अनुसार, पुलिस ने विवाद में शामिल 15 से अधिक किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर लिए हैं। थाने में शिकायतें दर्ज हुईं, जिसमें मारपीट और गोदाम में घुसपैठ के आरोप लगाए गए। कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं, और खाद वितरण प्रक्रिया को सुधारने के लिए नई टोकन व्यवस्था लागू की गई है। किसान संगठनों ने विरोध जताया है, जबकि प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी थी। विधायक रवindra रावत ने किसानों का समर्थन किया और मांग की कि मुकदमे वापस लिए जाएं। जिले में अब खाद की आपूर्ति बढ़ाई गई है, लेकिन किसान अभी भी परेशान हैं। यह घटना मध्य प्रदेश में खाद संकट की व्यापक समस्या को उजागर करती है।