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मध्य प्रदेश में एक ​बार फिर बढ़ेंगे बिजली के दाम, प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को करना पड़ेगा घाटे का भुगतान

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Nov 21, 2019

मध्य प्रदेश में एक बार फिर बिजली के दाम बढ़ सकते हैं। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल की बिजली कंपनियों ने इसकी तैयारी कर ली है। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने पिछले 4 सालों में तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपए का घाटा दर्शाते हुए चार याचिकाएं नियामक आयोग में दायर किया है और इस घाटे को पूरा करने के लिए दिशा निर्देश मांगे हैं। जाहिर है घाटे का भुगतान प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को करना पड़ेगा।
                  
प्रदेश की जनता से सबसे महंगी दरों पर बिजली बिल वसूल रहे...
मध्यप्रदेश में सरप्लस बिजली है इसके बावजूद भी प्रदेश की जनता से सबसे महंगी दरों पर बिजली के बिल वसूल किए जा रहे हैं। इस सब के  बावजूद मध्य प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों के आर्थिक हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों ने एक बार फिर भारी भरकम घाटा दर्शाते हुए विद्युत नियामक आयोग के पास दर्ज की गई 4 याचिकाओं में विद्युत वितरण कंपनियों ने 25 हजार करोड़ रुपए का भारी भरकम घाटा बताया है यह घाटा पिछले 4 वर्षों का बताया जा रहा है। विद्युत नियामक आयोग के पास दर्ज की गई याचिकाओं में साल 2014 से लेकर 2018 तक का जिक्र किया गया है और बीते एक साल मे अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई है।

कंपनी आगामी सालों में इसकी भरपाई के लिए याचिका दायर कर सकती है..
मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी की तरफ से वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16,2016-2017 और 2017-18 की याचिकाएं लगाई गई हैं। इसमें मध्य प्रदेश पूर्व, मध्य और पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी शामिल हैं। दरअसल कंपनियां प्रस्तावित आंकलन के बाद अंतिम आय और व्यय का ब्यौरा तैयार करती है जिसमें नुकसान होने पर कंपनी आगामी सालों में इसकी भरपाई के लिए विद्युत नियामक आयोग के पास याचिकाएं दायर करती है। हालांकि अधिकारी इस मामले में साफ़ कहने से बच रहे है लेकिन बिजली कंपनिया अपना घाटा दिखा कर विद्युत नियामक आयोग से दिशा निर्देश लेती है और विद्युत नियामक आयोग इस घाटे को पूरा करने के लिए बिजली की दरो को बढाने का प्रस्ताव तैयार करता है इस प्रस्ताव के माध्यम से दावे आपत्ति बुलायी जाती है और फिर बिजली की दरो को बढ़ा दिया जाता है। हालांकि अधिकारी सीधे तौर पर इस बात को स्वीकार नही कर रहे हैं और इसे नियमित प्रक्रिया बता रहे है।