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ग्वालियर : 10 साल तक की अवधि के लिए जारी किये जायेंगे "म्युनिसिपल बांड"

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Nov 25, 2019

विनोद शर्मा : मध्य प्रदेश का ग्वालियर का नगर निगम अब शहर विकास के प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रूपये के "म्युनिसिपल बांड" लाने जा रहा है। ये बॉण्ड नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड होंगे और इन्हें खरीदने पर निगम ब्याज देगा। सौ करोड़ रुपए के बॉण्ड जारी करने के बाद इनसे प्राप्त राशि को सड़क, सीवर और बिजली जैसे मूलभूत सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। साथ ही इसकी अवधि 10 साल की होगी। लेकिन निगम के सत्ता पक्ष और विपक्ष को "म्युनिसिपल बांड" पसंद नही आ रहा है वो इसका विरोध कर रहे है।

10 साल तक जारी होंगे "म्युनिसिपल बांड"  
ग्वालियर नगर निगम 10 साल तक की अवधि के लिए "म्युनिसिपल बांड"  जारी किए जाएंगे। जिसमें पांच या सात साल का लॉकिंग पीरियड रहेगा। बॉण्ड के लिए निगम अधिकारी सेबी के साथ मिलकर नियम तैयार करेंगे। हालांकि बॉण्ड के लिए अभी ब्याज का प्रतिशत तय नहीं हुआ है। लेकिन संभावना है कि ये ब्याज बैंक और पोस्ट ऑफिस से अधिक होगा। ब्याज अिधक होने से निवेशकों में इसे लेकर रुचि बनी रहेगी। निगम के ये बॉण्ड सभी वर्ग के लोगों के लिए होंगे, साथ ही अफसर भारतीय जीवन बीमा निगम सहित अन्य वित्तीय संस्थाओं से भी इस संबंध में टाइअप करने की योजना बना रहे हैं।पिछले कुछ वर्षों में ग्वालियर नगर निगम की आय घट रही है लेकिन खर्च बढ़ रहे हैं। खर्च के लिए निगम को अमृत योजना में 17 प्रतिशत का योगदान देना है, जिसकी किश्तें लगातार चल रही हैं और हुडको का लोन भी अब तक निगम पर बकाया है। निगम में पहले 939 आउटसोर्स कर्मचारी थे, जिनकी संख्या अब 1800 से अिधक हो गई है। इन सबके वेतन के अलावा निगम के नियमित कर्मचारियों का वेतन, वाहनों का डीजल, पेंशन, स्ट्रीट लाइट का बिल, गौशाला व चिड़ियाघर के लिए भी हर माह करोड़ों रुपए का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन निगम "म्युनिसिपल बांड" के फार्मेूले पर सत्ता और विपक्ष खुश नही है, उनके मुताबिक निगम कमिश्नर को "म्युनिसिपल बांड" को लेकर इस प्रस्ताव को परिषद में लाना चाहिए था।

28 प्रतिशत की कटौती
इसके साथ ही मध्य प्रदेश सरकार ने निगम को मिलने वाली चुंगी क्षति पूर्ति की राशि में 28 प्रतिशत की कटौती भी कर दी है, जिसके कारण भी आय पर असर पड़ा है। वर्तमान में निगम की एक महीने में चुंगी क्षति पूर्ति की राशि मिलाकर लगभग 25 करोड़ रुपए की आए है और इतना ही खर्चा है।

ऐसे चुकाया जाएगा पैसा..

• बॉण्ड धारकों का पैसा चुकाने के लिए निगम ने एक प्लानिंग की है।

• बैंक में एक नया खाता खोला जाएगा बॉण्ड का पैसा उसमें जमा किया जाएगा।

• प्रति धारक के हिसाब से एक लिस्ट तैयार की जाएगी। जिसमें इस बात की जानकारी रहेगी कि कब किसे पैसा चुकाना है।

• खास बात यह है कि पैसा लौटाने के लिए जनता पर टैक्स नहीं बढ़ाया जाएगा।